नयी दिल्ली : महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे मामलों की जांच में तेजी लाने के लिए 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जल्द ही साइबर फॉरेंसिक लैबोरेट्री और डीएनए जांच सुविधाएं मिलेंगीं। गृह मंत्रालय ने बताया कि 131 करोड़ रुपए की लागत से उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, प. बंगाल, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, मिजोरम, मणिपुर, त्रिपुरा और दिल्ली स्थित फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्रियों में डीएनए जांच सुविधाएं बनेंगी।
अधिकारियों का कहना है कि इन राज्यों में महिला और बच्चों के खिलाफ ‘साइबर अपराध रोकथाम प्रोजेक्ट’ के तहत साइबर फॉरेंसिक लैबोरेट्री और साइबर फॉरेंसिक प्रशिक्षण सुविधाएं बन रही हैं। वहीं अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में साइबर फॉरेंसिक लैबोरेट्री पहले से बनी हुई हैं। प्रोजेक्ट के अंतर्गत 410 सरकारी अभियोजकों समेत 3664 कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। आपको बता दें कि यह कार्य महिला सुरक्षा सुधारने के मकसद से निर्भया फंड के तहत हो रहा है। इस प्रोजेक्ट की समीक्षा और निगरानी का जिम्मा एक एम्पावर्ड समिति के पास है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक 2016 में 12,187 साइबर अपराध दर्ज हुए थे, यह आंकड़ा 2015 से 6.3 फीसदी ज्यादा था, जबकि 2015 में 2014 के मुकाबले साढ़े 20 फीसदी बढ़ोतरी हुई थी।