भोपाल । नारियल के कई इस्तेमाल आपने देखे होंगे, लेकिन भोपाल के ज्ञानेश्वर शुक्ला ने वेस्ट टू बेस्ट का अनोखा उदाहरण पेश किया है। ज्ञानेश्वर नारियल के खोल से कप बनाते हैं। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस कप में चाय पीना सेहत के लिए अच्छा है। दूसरा यह कि वे मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले कप को रिसाइकिल करते हैं। तीसरी, वे इससे होने वाली आमदनी स्वयंसेवी संस्था को देते हैं।
भोपाल के अवधपुरी इलाके में रहने वाले ज्ञानेश्वर यूं तो कंस्ट्रक्शन सेक्टर से जुड़े हैं, लेकिन मंदिरों में नारियलों की हालत देखकर उन्हें इसे रीसाइकिल करने का ख्याल आया। मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले हजारों नारियलों का कोई इस्तेमाल नहीं होता। खराब होने के बाद उन्हें पानी में विसर्जित कर दिया जाता है। यह देखकर ज्ञानेश्वर के मन में इसे रीसाइकिल करने का ख्याल आया। उन्हें पता चला कि नारियल के खोल में कई विटामिन और मिनरल्स होते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद हैं। तब उन्होंने इससे कप बनाने का फैसला किया।
ज्ञानेश्वर अपने पेशेवर काम को निपटाने के बाद वे कप बनाने का काम करते हैं। उन्होंने अपने घर में ही एक छोटा सा कारखाना बनाया है। वे रोजाना तीन-चार घंटे यह काम करते हैं। एक कप को बनाने में उन्हें तीन दिन का समय लगता है। पहले वे यह कप इपने दोस्तों को गिफ्ट करते थे। अब वे सोशल मीडिया और मार्केटिंग वेबसाइट्स के जरिये इसे बेचते हैं।
ज्ञानेश्वर का कहना है कि वे युवा पीढ़ी को यह कला सिखाना चाहते हैं। इसके लिए वो जल्द ही वर्कशॉप आयोजित करने वाले हैं। इससे युवा हेल्थ और वेल्थ दोनों बना सकते हैं। युवा अतिरिक्त आमदनी के लिए भी यह काम कर सकते हैं।