मुम्बई । भारत के मशहूर संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा का गत मंगलवार को निधन हो गया। 84 वर्ष की उम्र में उन्होंने मुंबई में अंतिम सांस ली है। इस खबर ने संगीत के चाहने वालों को झकझोर कर रख दिया है। बताया जा रहा है कि शिवकुमार शर्मा का निधन दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई। वह पिछले 6 महीने से किडनी संबंधी समस्याओं से पीड़ित थे और डायलिसिस पर थे।
वाद्य यंत्र संतूर को विश्व विख्यात बनाने में इन्होने अहम योगदान दिया। संतूर वाद्य यंत्र कभी जम्मू-कश्मीर का एक अल्पज्ञात वाद्य था, लेकिन पंडित शर्मा के योगदान के संतूर को एक शास्त्रीय संगीत वाद्य यंत्रदर्जा दिया और इसे अन्य पारंपरिक और प्रसिद्ध वाद्ययंत्रों जैसे सितार और सरोद के साथ ऊंचाई पर पहुंचा दिया। पंडित शिवकुमार शर्मा ने सिलसिला, लम्हे और चांदनी जैसी फिल्मों के लिए बांसुरीवादक पंडित हरिप्रसाद चौरसिया के साथ संगीत तैयार किया।
पंडित शिवकुमार शर्मा पिछले सात दशकों से देश में संतूर के पर्याय बने हुए थे। उनका जन्म जम्मू में गायक पंडित उमा दत्त शर्मा के घर हुआ था। इनके पिता ने इन्हें तबला और गायन की शिक्षा तब से आरंभ कर दी थी, जब ये मात्र पांच वर्ष के थे। इनके पिता ने संतूर वाद्य पर अत्यधिक शोध किया और यह दृढ़ निश्चय किया कि शिवकुमार प्रथम भारतीय बनें जो भारतीय शास्त्रीय संगीत को संतूर पर बजायें। तब इन्होंने 13 वर्ष की आयु से ही संतूर बजाना आरंभ किया और आगे चलकर इनके पिता का स्वप्न पूरा हुआ। इन्होंने अपना पहला कार्यक्रम बंबई में 1955 में किया था। उनका जन्म 13 जनवरी 1938 को जम्मू में हुआ था।