नरीमन हाऊस से 10 साल बाद भी नहीं मिटाए गए हैं गोलियों के निशान

मुम्बई: मुम्बई में नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले के दौरान दो साल के बच्चे मोशे होल्त्सबर्ग की जान बचाने वाली धाय मां सांद्रा सैमुअल ने कहा है कि 10 साल बाद भी चबाड़ हाऊस से गोलियों के ‘‘निशान’’ नहीं मिटाए गए हैं। सैमुअल (54) ने हैरानी जताई कि आतंकी हमले के दाग अब भी कोलाबा में पांच मंजिला यहूदी केंद्र में मौजूद हैं। इस इमारत का नाम अब नरीमन लाइट हाऊस रख दिया गया है। गौरतलब है कि मुंबई हमले के दौरान दो पाकिस्तानी आतंकवादी इस इमारत में घुस गए थे और मोशे के पिता रब्बी गैवरियल तथा उसकी (मोशे की) मां रिवका सहित नौ लोगों की हत्या कर दी थी।
हालांकि, मोशे को सैमुअल ने बचा लिया था। सैमुअल, मोशे, उसके दादा दादी और इस्राइली प्रधानमंत्री के साथ साल जनवरी में मुम्बई आई थी लेकिन सैमुअल ने मई में फिर से शहर में लौटने पर पाया कि इमारत के अंदर चीजें भयावह हैं। उन्होंने फोन पर पीटीआई को बताया, ‘‘उन्होंने चौथी और पांचवीं मंजिल को पूर्ववत रखा है और तीसरी मंजिल पर उन्होंने हर चीज तोड़ दी है और उसे एक बड़े खुले स्थान में तब्दील कर दिया है। खंभे और हर चीज पर गोलियों के निशान हैं. यह मेरे लिए बहुत भयावह है। इसने मुझे झकझोर कर रख दिया. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोगों के देखने के लिए गोलियों के निशान क्यों रखे गये है? मैं इस तर्क को नहीं समझ पा रही. ’’ उन्होंने ताजमहल होटल, ट्राइडेंट होटल, लियोपोल्ड कैफे और सीएसटीएम स्टेशन पर हुए आतंकी हमले का उदाहरण देते हुए यह कहा। उन्होंने पूछा, ‘‘क्या उन सभी ने निशान रखे हैं. ’’सैमुअल ने कहा कि मोशे को अंधेरे से डर लगता है। रात में वह बत्ती जला कर सोता है। वह मद्धिम रोशनी में भी नहीं सो सकता।

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।