नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में सिम कार्ड रजिस्ट्रेशन के लिए आधार की अनिवार्यता खत्म करने का फैसला दिया था। इसके बाद सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को मौजूदा ग्राहक और नए ग्राहक को कनेक्शन देने के लिए आधार ई-केवाईसी वेरिफिकेशन बंद करने के आदेश दिए थे। इसके तहत टेलीकॉम डिपार्टमेंट (डीओटी) ने टेलीकॉम कंपनियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इसमें मौजूदा ग्राहकों को नई सिम देने के लिए कंपनियां आधार ई-केवाईसी का इस्तेमाल नहीं कर सकतीं। नए सिम कार्ड के रजिस्ट्रेशन के लिए आधार का नंबर देना जरूरी नहीं है। यह काम अब आईडी प्रूफ और एड्रेस प्रूफ के जरिए ही किया जाएगा।
टेलीकॉम कंपनियां अब कस्टमर एक्यूजिशन फॉर्म (सीएएफ) के जरिए वेरिफिकेशन करेंगी। इसमें ग्राहक की लाइव फोटो और एड्रेस प्रूफ की स्कैन इमेज लगानी होगी। लाइव फोटो में सीएएफ नंबर, जीपीएस कॉर्डिनेट, रिटेल आउटलेट का नाम, आइडेंटिटी प्रूफ और यूनिक कोड वॉटरमार्क करना होगा। साथ ही फोटो पर समय और तारीख भी दर्ज करनी होगी।
ऐसे आईडी प्रूफ जिनमें क्यूआर कोड रहता है, उसे भी स्कैन कर सकते हैं। जैसे- अगर कोई ग्राहक अपना आधार कार्ड देता है, तो उसे स्कैन कर उसका नाम, लिंग, जन्मतिथि को लिया जा सकता है। इनके अलावा अब नए सिम कार्ड के रजिस्ट्रेशन के लिए ग्राहक के पास दूसरा सिम कार्ड होना भी जरूरी है, क्योंकि इसी आधार पर नई सिम दी जाएगी। दूसरी सिम पर ही ओटीपी नंबर आएगा जिससे ग्राहक का वेरिफिकेशन किया जाएगा।
अगर ग्राहक के पास पहले से कोई सिम नहीं है तो उसे अपने किसी परिजन का मोबाइल नंबर देना होगा, जिस पर ओटीपी आएगा। जो ग्राहक के दस्तखत के तौर पर मान्य होगा।सिम कार्ड रजिस्ट्रेशन के लिए ग्राहक के दिए गए आईडी प्रूफ और एड्रेस प्रूफ का वेरिफिकेशन करना टेलीकॉम कंपनियों की जिम्मेदारी होगी। वेरिफिकेशन के बाद ही सिम कार्ड एक्टिवेट होगा।
एक दिन में सिर्फ 2 सिम ही मिलेंगी
टेलीकॉम डिपार्टमेंट की तरफ से जारी नई गाइडलाइंस के तहत टेलीकॉम कंपनियां डिजिटल केवाईसी प्रोसेस का उपयोग कर ग्राहक को हर दिन उनके आईडी प्रूफ और एड्रेस प्रूफ के जरिए सिर्फ दो सिम कार्ड दे सकेंगी। इसके अलावा ग्राहक के दूसरे नंबर पर मिले ओटीपी के जरिए ही टेली-वेरिफिकेशन किया जाएगा।