नए श्रम कानून पर 31 से अधिक राज्य एवं केन्द्रशासित राज्य सहमत

एक साल नौकरी पर ग्रेच्युटी, 15 मिनट बढ़े तो ओवरटाइम
नयी दिल्ली । देश में जल्द लागू होने वाले श्रम कानून में संगठित और गैर संगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। ये कामगारों के लिए फायदेमंद साबित होंगे। कानून लागू होने पर एक साल काम करने पर ही कर्मचारी ग्रेच्युटी का हकदार होगा। अभी ग्रेच्युटी के लिए कम से कम 5 साल की नौकरी जरूरी है। तय समय से 15 मिनट भी ज्यादा काम लेने पर कर्मचारियों को ओवरटाइम मिलेगा। श्रम मंत्रालय के मुताबिक, 31 से ज्यादा राज्यों ने इसे स्वीकार लिया है। नए प्रावधान जल्द लागू किए जाएंगे।
नए नियम के तहत अब हफ्ते में 48 घंटे से ज्यादा काम नहीं लिया जा सकेगा। इम्प्लोयर और इम्प्लोई की सहमति से कर्मचारी हफ्ते में 48 घंटे का काम चार दिन में भी पूरा कर सकेगा। बाकी दिन वह छुट्टी मना सकेगा। नए कर्मचारियों को लंबी छुट्टी लेने के लिए अब 180 दिन काम करना होगा। अभी 240 दिन तक काम करने के बाद ही लंबी छुट्टी का हक मिलता था।
कर्मचारी की मूल तनख्वाह हर माह की सीटीसी से 50 प्रतिशत या अधिक होगी
महिला कर्मचारियों की सहमति के बिना उन पर रात की पाली में काम का दबाव नहीं डाला जा सकेगा। नए नियम लागू होने के बाद कर्मचारी के हाथ में सैलरी तो कम आएगी, लेकिन प्रॉविडेंट फंड और ग्रेच्युटी ज्यादा मिलेगी। कर्मचारी की बेसिक सैलरी हर माह की CTC से 50% या अधिक होगी। नए कानून पर इंडियन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियंस का कहना है कि नए कानून से श्रमिकों का बड़ा वर्ग कानून के दायरे से बाहर हो जाएगा। पहले जिस संस्थान में 20 लोग काम करते थे, उन्हें भी संरक्षण था। अब यह संख्या 50 करने का प्रावधान है।
ट्रिब्यूनल के फैसले तक हड़ताल नहीं
यदि किसी मुद्दे पर यूनियन और नियोक्ता के बीच बातचीत फेल हो जाती है तो जानकारी सरकार को दी जाएगी। इसके बाद मामला ट्रिब्यूनल भेज दिया जाएगा। जब तक वहां अंतिम फैसला नहीं हो जाता, तब तक कर्मचारियों को हड़ताल की इजाजत नहीं होगी। हड़ताल अवैध मानी जाएगी। यही नहीं, सामूहिक छुट्टी को भी हड़ताल की श्रेणी में रखा गया है।
कुछ बिंदुओं पर आपत्ति, चर्चा जारी
नए लेबर कोड (श्रम कानून) को सैद्धांतिक तौर पर 31 से ज्यादा राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों ने स्वीकार कर लिया है। ज्यादातर ने नियम भी बना लिए हैं। सूत्रों की माने तो कुछ राज्यों ने कुछ बिंदुओं पर आपत्ति जताई है। इसके लिए बातचीत जारी है। नया लेबर कोड कब से लागू होगा, इसकी तारीख तो तय नहीं है, लेकिन मंत्रालय का कहना है जल्द लागू किया जाएगा।

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