भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लिए चंद्रयान-2 को लेकर अच्छी खबर है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के लिए 22 जुलाई को रवाना हुए चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर के जीवनकाल को एक साल और बढ़ाया जा सकता है। हालांकि इससे पहले इसरो ने अनुमान लगाया था कि इस यान का ऑर्बिटर एक साल तक ही काम करेगा। लेकिन अब इसके दो साल तक काम करने का अनुमान लगाया जा रहा है।
इस मिशन से जुड़े कम से कम पांच अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए ये कहा जा सकता है कि ऑर्बिटर के जीवनकाल को एक साल और बढ़ाया जा सकता है। इससे पहले इसरो चेयरमैन के सिवान ने कहा था कि ऑर्बिटर का जीवनकाल एक साल का है।
लॉन्च के वक्त 1697 किग्रा ईंधन
चंद्रयान-2 मिशन से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि, चंद्रयान-1 को ज्यादा समय तक काम करने के लिए बनाया गया था लेकिन पावर कन्वर्टर में समस्या आ गई। जिसके कारण उसका जीवनकाल कम हो गया। इसे चंद्रयान-2 में सही किया गया है। चंद्रयान-2 के पास एक साल से ज्यादा समय तक काम करने के लिए ईंधन है। बता दें लॉन्च के वक्त ऑर्बिटर में 1697 किग्रा ईंधन था। मिशन से जुड़े एक अन्य अधिकारी का कहना है कि अधिक अच्छे तरीके से लॉन्च होने के कारण 40 किलो ईंधन बच गया है।
कितना ईंधन जरूरी?
टाइम्स ऑफ इंडिया कि रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में एक अन्य वैज्ञानिक का कहना है, “अतिरिक्त ईंधन आपातकालीन स्थितियों के लिए दिया गया था। अब वर्तमान अनुमान के अनुसार हमारे पास आर्बिट में एक साल से ज्यादा समय तक काम करने के लिए ईंधन है।” ऑर्बिटर के पास कक्षा में सारे बदलाव के बाद अंत में 290.2 किग्रा ईंधन होना चाहिए। ताकि वह चंद्रमा के चक्कर लगा सके।