माधवी श्री
सुबह अगर आँख खुले और दो दशक से ज्यादा हो चुके अपने स्कूल के दिनों की सहपाहियों को आप धड़ा – धड़ एक के बाद एक आप मिलने लगे तो दो चीजों का आप तहे दिल से शुक्रिया अदा करेगे – एक फेसबुक जो मीलों दूर बैठे आपको आपके अपनों से मिलवाता है और उनका जिन्होंने इस स्कूल रीयूनियन यानी पुनर्मिलन का सफल आयोजन किया।
आज फेसबुक के इस युग में जहाँ लोग इसका गलत इस्तेमाल कर रहे है वही कई सकारात्मक लोग इसका इस्तेमाल हज़ारों दिलों को जोड़ने के लिए भी कर रहे है। ऐसा ही कुछ नाम बालिका शिक्षा सदन की कुछ पूर्व छात्राओं ने किया। अपने देश से दूर सिंगापुर में बैठी अनु चोमल शर्मा ने एक फेसबुक पेज के माध्यम से अपने स्कूल की पूर्व छात्राओं को जोड़ने की कोशिश की। वही कोलकाता में ज्योति केडिया भी यही काम दूसरे फेसबुक पेज के माध्यम से कर रही थी। बाद में दोनों लड़कियों ने फैसला किया कि वे इसे एक पेज में बदल देगी और इसी एक पेज के माध्यम से सभी बालिका शिक्षा सदन की पूर्व छात्राओं को जोड़ेगी।
दो लोगो से शुरू हुई यह यात्रा 30 दिसंबर 2017 को 550 लड़कियों के रीयूनियन में बदल गयी । फेसबुक पेज के माध्यम से कुछ ही दिनों में रीयूनियन फेसबुक पेज की सदस्यता” रीयूनियन” के बाद 1500 से बढ़ कर से 2500 के लगभग पहुँच गयी। करीब डेढ़ – दो साल के कठिन परिश्रम और 15 -25 पूर्व छात्राओं की व्यवस्थापक की भूमिका के कारण और स्कूल की प्रधानाध्यापिका श्रीमती शर्मिष्ठा चटर्जी के दिशानिर्देश में पूरे कार्यक्रम को मूर्त रूप दिया गया। मुख्य भूमिका अनु चोमल , ज्योति केडिया ,श्वेता केडिया , ज्योति नाहटा , वृजबाला खेतान , कविता भानुका ,सरिता अग्रवाल , पूजा जायसवाल , शालिनी झंवर , पूनम साव और दिव्या तिवारी ने निभाई कार्यक्रम के आयोजन में । इस रीयूनियन में 1968 से की पूर्व छात्राओं ने शिरकत की वही कई पुरानी स्कूल की शिक्षिकाओं को खोज – खोज कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पूर्व छात्राओं ने रंगा -रंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये।
1948 में इस स्कूल का निर्माण कोलकाता में गिरधारी लाल मेहता , राधा किशन कानोड़िया , रघुनाथ प्रसाद खेतान , डी पी काजरिया , आई सी केजरीवाल और बैजनाथ तापड़िया ने करवाया था। इस बालिका विद्यालय ने उत्तर कोलकाता में कई लड़कियों के जीवन में महत्वपूर्ण दिशा देने का काम किया है ।
आगे भी इस रीयूनियन को हर वर्ष आयोजित किये जाने का संकल्प है। इस रीयूनियन के माध्यम से स्कूल के रखरखाव और उसके तरक्की के लिए भी प्रयास किये जाने की योजना है। फिलहाल देश – विदेश में फ़ैल चुकी इस स्कूल की छात्राये इस रीयूनियन से काफी खुश है और आनेवाले समय में अपना – अपना योगदान देने की योजना बना रही है।
(लेखिका स्कूल की पूर्व छात्रा और फिलहाल दिल्ली में वरिष्ठ पत्रकार हैं)
अद्भुत और सजीव चित्रण. धन्यवाद।