दोहरी मानसिकता को दर्शाने वाला था सनी से लिया गया साक्षात्कार

पूर्व पोर्न स्टार और कनाडा मूल की भारतीय एक्ट्रेस सनी लियोनी का एक इंटरव्यू सोशल मीडिया पर बहस का मुद्दा बन गया है। गूगल पर सबसे अधिक खोजी गयी सनी लियोनी दोहरी मानसिकता की शिकार बनीं और हैरत की बात यह है कि यह सब पत्रकारिता के नाम पर हुआ। अश्लीलता के नाम पर जिस कठघरे में उनको बार – बार खड़ा किया जाता रहा है तो उसके दायरे में अन्य बहुत से अभिनेता और अभिनेत्रियाँ भी आती हैं मगर सनी के अतीत के लिए उनको जानबूझ कर शर्मिंदा करने की कोशश की जाती है। संसद से लेकर टीवी पर हर जगह उनकी चर्चा ही है। हाल ही में उनकी ताजा फिल्म के प्रमोशन के तहत सीएनएन-आईबीएन के भूपेंद्र चौबे को दिए इंटरव्यू में सनी से जिस तरह के सवाल पूछे गए हैं उनको लेकर बॉलीवुड के कई स्टार्स ने ट्वीटर पर चौबे की जमकर आलोचना की।

अभिनेता ऋृषि कपूर ने ट्वीट कर इसे बेहद रूड इंटरव्यू क़रार दिया।

वहीं आलिया भट्ट और दिया मिर्ज़ा ने भी भूपेंद्र चौबे के सवालों को आपत्तिजनक माना।

वैसे वरिष्ठ पत्रकार वीर सांघवी चौबे के समर्थन में दिखे. अपने ट्वीट में चौबे की तारीफ़ करते हुए सांघवी ने साक्षात्कार की दिशा को बिल्कुल सही माना।

हालांकि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि आपत्तिजनक सवालों के बावजूद सनी ने बेहद शालीनता से सभी सवालों के जवाब दिए।

कई बार लगा कि चौबे के सवाल सनी लियोनी के अतीत को बार-बार उजागर करने की कोशिश था। चौबे ने सनी से सवाल किया कि उन्हें अपने अतीत के किस बात पर सबसे ज़्यादा अफ़सोस है। जवाब में सनी ने कहा कि वो अपनी मां को अंतिम समय में मिल नहीं पाईं जिसका खेद उन्हें हमेशा रहेगा। इस जवाब से असंतुष्ट चौबे ने सवाल को दोहराया तो लगा मानों वो चाह रहे हों कि बतौर पोर्न स्टार काम कर चुकी सनी अपने इस अतीत के लिए माफ़ी मांगे।

लेकिन चौबे यहीं नहीं रुके। उन्होंने फिर सवाल दाग़ा कि क्या उनके भारत आ जाने के कारण भारत दुनिया का सबसे ज़्यादा पोर्न देखने वाला देश बन गया है। सनी लियोनी ने सवाल के जवाब में ना कहा। इसके बाद चौबे ने कहा कि उन्हें लग रहा है कि इस साक्षात्कार को करके वो नैतिक रूप से भ्रष्ट हो रहे हैं। जवाब में शालीनता से सनी ने कहा कि अगर चौबे चाहें तो वो अभी उठकर जा सकती हैं। गौर करने वाली बात यह है कि खुद चौबे को भी पता था कि सनी उनके चैनल की टीआरपी का मामला था इसलिए उनको नैतिकता की इतनी ही चिंता थी तो उनको उसी वक्त इस्तीफा देना चाहिए था जब उनको यह साक्षात्कार करने के लिए कहा गया था।

 

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