इंदौर : देश में मॉनसून की बारिश की शुरुआत के बीच प्रसंस्करणकर्ताओं के एक संगठन ने अनुमान जताया कि मौजूदा खरीफ सत्र के दौरान सोयाबीन का राष्ट्रीय रकबा 10 फीसद बढ़कर 132 लाख हेक्टेयर के आस-पास रह सकता है। इंदौर स्थित सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के चेयरमैन डेविश जैन ने “पीटीआई-भाषा” को बताया, “हमें लगता है कि इस बार देश में सोयाबीन के रकबे में करीब 10 फीसद का इजाफा होगा।”
उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 के खरीफ सत्र के दौरान देश में करीब 120 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन बोया गया था, जबकि इसकी पैदावार 105 लाख टन के आस-पास रही थी। जैन ने कहा, “हमें लगता है कि खासकर मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में किसान उपज के बेहतर दाम की उम्मीद में खरीफ की अन्य फसलों के मुकाबले सोयाबीन उगाने को तरजीह देंगे।” केंद्र सरकार ने वर्ष 2021-22 के खरीफ विपणन सत्र के लिये सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 3,950 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। एमएसपी की यह दर पिछले सत्र के मुकाबले 70 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है।