कोलकाता/ पटना : केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा भारत माला-2 प्रोजेक्ट के तहत पटना-कोलकाता एक्सप्रेस-वे की स्वीकृति दिये जाने के बाद जनवरी में इस एक्सप्रेस-वे का टेंडर निकालने की अनुमति दे दी गयी है। एनएचआई ने पटना-कोलकाता एक्सप्रेस-वे की रूपरेखा तैयार कर ली है। पटना से 6 लेन यह एक्सप्रेस-वे बिहारशरीफ, सिकंदरा, चकाई से सीधे झारखंड में देवघर जिले के देवीपुर क्षेत्र में प्रवेश करेगी। देवीपुर में यह एक्सप्रेस-वे एम्स को जोड़ने वाली प्रस्तावित फोरलेन सड़क को कनेक्ट करते हुए मधुपुर की ओर निकल जायेगी। इससे देवघर की बिहार व बंगाल से कनेक्टिविटी बढ़ेगी. इतना ही नहीं, बिहार और बंगाल से एम्स आने वाले रोगियों को भी सुविधा होगी।
देवघर के मधुपुर में एयरपोर्ट को कनेक्ट करने वाली चांदडीह-मधुपुर स्टेट हाइवे पटना-कोलकाता एक्सप्रेस-वे से जुड़ जायेगा। मधुपुर से करौं होते हुए यह एक्सप्रेस-वे करमाटांड़ व जामताड़ा से दुर्गापुर होते हुए कोलकाता निकल जायेगी। देवघर जिले में करीब 250 गांवों से यह एक्सप्रेस-वे गुजरेगी। पटना-कोलकाता एक्सप्रेस-वे की लंबाई 495 किलोमीटर होगी। यह सड़क 6 लेन होगी व इसमें कुल 21 हजार करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। यह एक्सप्रेस-वे पूरी तरह से नया ग्रीनफिल्ड बनेगा।
बिहार सरकार के प्रस्ताव पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस ग्रीनफिल्ड एक्सप्रेस-वे को मंजूरी दी है। अगस्त में देवघर आये बिहार के पीडब्ल्यूडी मंत्री नितिन नवीन व गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे की बैठक में पटना-कोलकाता एक्सप्रेस-वे को एम्स व एयरपोर्ट से जोड़ने के लिए एलाइमेंट को फाइनल किया गया था। इस एलाइमेंट के अनुसार देवघर जिले में बहुत कम मकान टूटेंगे. अधिकांश खाली जमीन से एक्सप्रेस-वे गुजरेगी। यह मार्ग तैयार होने के बाद देवघर से पटना व कोलकाता का सफर दो से ढाई घंटे में पूरी करने की संभावना जतायी गयी है।