मुम्बई । कोरोना वायरस महामारी के ओमीक्रोन स्वरूप के रूप मे आई तीसरी लहर के कारण हवाई उड़ानों के टिकट रद्द करने वाले एक-तिहाई से भी कम लोगों को रिफंड या टिकट का पैसा वापस मिल पाया है। एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। ऑनलाइन कम्युनिटी मंच लोकल सर्किल्स के एक सर्वेक्षण में पता चला कि महामारी की तीसरी लहर के आने की वजह से जिन लोगों को होटलों की अपनी बुकिंग निरस्त करनी पड़ी उनमें से 34 प्रतिशत को ही पैसा वापस मिला। इस सर्वेक्षण में भारत के 332 जिलों से लोगों के 20,000 से अधिक जवाब आए। ओमीक्रोन स्वरूप के मामले तेजी से बढ़ने के कारण भारत में ऐसे अनेक लोगों को अपनी यात्राएं रद्द या स्थगित करनी पड़ी हैं जिन्होंने जनवरी से मार्च के बीच यात्रा कार्यक्रम बना रखा था। उनमें से कुछ ने एयरलाइंस और होटलों से बुकिंग के लिए जमा की गई राशि वापस मांगी है।
सर्वेक्षण में हवाई यात्रा निरस्त होने के संबंध में पहला प्रश्न पूछा गया था जिसके जवाब में 29 प्रतिशत लोगों ने कहा, ‘‘ट्रैवल एजेंटों और एयरलाइन कंपनियों ने रद्दीकरण स्वीकार कर लिया और पूरा पैसा लौटा दिया, वहीं 14 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें आंशिक राशि मिली है।’’
वहीं, 29 प्रतिशत लोगों ने बहुत कम पैसा लौटाए जाने की भी बात कही। करीब 14 प्रतिशत लोगों के अनुसार उन्हें धनराशि नहीं लौटाई गई लेकिन बाद की तारीख के लिए उनका टिकट बुक कर दिया गया। लोकल सर्किल्स के संस्थापक सचिन तापड़िया ने कहा, ‘‘इस मंच पर लोग राय दे रहे हैं कि सरकार को कोविड महामारी जारी रहने तक यात्रा बुकिंग रद्द किए जाने पर, खासतौर पर एयरलाइंस और होटलों के लिए पैसा वापसी की विशेष नीति बनानी चाहिए।’’