कोलकाता । अर्चना संस्था ने अमृत महोत्सव के पावन अवसर पर देशभक्ति की रचनाएं सुनाई और अमृत महोत्सव वर्ष पर अपनी कलम को धार देते हुए स्वरचित रचनाओं की प्रस्तुति दी। डॉ वसुंधरा मिश्र ने 75वीं स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए कविता आओ देश से माफी मांगें, विद्या भंडारी ने चोट है हौसला,दृढ संकल्प लीजिए हथियार बनाकर कलम को,कुछ तो नया कीजिए । नौरतनमल भंडारी ने , तिरंगा है हमारी आन-बान और शान, हम सबको गर्व है,देश हमारा है महान कभी रूके ना,कभी झुके ना,देश हमारा।उषा श्राफ ने आज़ादी का अमृत महोत्सव आज हम मना रहे, मृदुला कोठारी ने नई उमंगे नई तरंगे नव उल्लास मनाएं, आओ हिलमिल आज तिरंगा धरती पर फहराएं,
भारती मेहता ने हर भारतीय के चेहरे में पूरा भारत दिखाईं देता है ।, बनेचंद मालू नेे आजादी की कहानी कविता, हिम्मत चौरडिया प्रज्ञा ने कुण्डलिया-आजादी की आड़ ले, भूल रहा संस्कार।गीत-सागर जिसके पाँव पखारे, सुरपति करे बखान।गूँज उठे धरती पर फिर से, जय जय हिन्दुस्तान।।, सुशीला चनानी ने क्षणिकायें और गीत राजनीति का एक ही कायदा, बन जाओ सूरजमुखी का फूल, मुड़ जाओ जिधर हो फायदा, 15 अगस्त के बाद कौन करता है तिरंगे को याद।, इंदू चांडक ने गूँज उठे जल थल और नभ मेंभारत मेरा महान,स्वरचित रचनाओं की प्रस्तुति दी।संगीता चौधरी ने अमृत महोत्सव पर सभी को शुभकामनाएँ प्रेषित की। देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत कविताओं के साथ इंदू चांडक ने ऑनलाइन जूम पर संचालन किया। धन्यवाद ज्ञापन किया सुशीला चनानी ने।