ड्राइविंग क्षमता पर असर डालता है आपका मानसिक स्वास्थ्य

नयी दिल्ली : मानसिक स्वास्थ्य विकार में व्यक्ति को किसी काम पर ध्यानकेंद्रित होने, सक्रिय होने या सोच-समझकर काम करने में परेशानी होती है। इस बीमारी को ध्यान आभाव सक्रियता विकार (एटेंशन डेफीसिट हाइपर एक्टीविटी डिसऑर्डर (एडीएचडी)) कहा जाता है। एक शोध में सामने आया है कि मानसिक स्वास्थ्य से आपकी ड्राइविंग (वाहन चलाने की) कुशलता पर भी असर पड़ता है और गलतियां होने की संभावनाएं भी अधिक होती है।
पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने 16 से 19 साल के किशोरों पर अध्ययन किया। जिसमें पाया गया कि इस उम्र के किशोरों में ज्यादा उम्र के लोगों के मुकाबले वाहन चलाते समय घातक दुर्घटना होने की संभावना अधिक होती है। क्योंकि व्यस्क लोगों का मानसिक स्वास्थ्य ज्यादा मजबूत होता है। अध्ययनकर्ताओं ने एक प्रश्नावली के जरिए भी किशोरों से आंकडें एकत्रित किए। इस प्रश्नावली में वाहन चलाते हुए मोबाइल इस्तेमाल करने की प्रवृत्ति और वाहन पर सवारियों की संख्या जैसे प्रश्न पूछे गए। इसके बाद किशोरों से प्रयोगात्मक ड्राइव करने के लिए कहा गया, जिसमें विभिन्न दुर्घटना परिदृश्यों का सामना करवाया गया। अध्ययन के अंत में पाया गया कि जिन किशोरों का मानसिक स्वास्थ्य कमजोर था, उनमें दुर्घटना से बचने की क्षमता और ड्राइविंग कुशलता में कमी देखी गई।

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