कोलकाता। दामोदर घाटी निगम के मुख्यालय में राजभाषा पखवाड़ा समारोह 2022 का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सरकारी कार्यालयों में राजभाषा की उपयोगिता, महत्व और हिंदी में कामकाज की संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत कार्यपालक निदेशक, मानव संसाधन श्री राकेश रंजन के संबोधन के साथ हुआ। उन्होंने कहा कि दामोदर घाटी निगम में राजभाषा समारोह का बड़े पैमाने पर आयोजन हिंदी के व्यापकत्व का ही परिणाम है। विद्यासागर विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर तथा ‘संस्कृति नाट्य मंच’ के संयोजक डॉ संजय जायसवाल ने राजभाषा के महत्त्व पर चर्चा करते हुए कहा कि राजभाषा को व्यावहारिक धरातल पर सरल बनाते हुए कामकाज में अधिक से अधिक प्रयोग करने की जरूरत है। हिंदी को भारतीय भाषाओं के बीच संवाद की भाषा के तौर पर लिया जाना चाहिए।हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए सरकारी कामकाज के अलावा साहित्य और कलाओं से भी जोड़ने की जरूरत है।नाटक की प्रासंगिकता पर चर्चा करते हुए उन्होंने निगम के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन द्वारा स्थापित नाट्य संस्था ‘संस्कृति नाट्य मंच’ द्वारा दो नाटकों की प्रस्तुति की गई। पहला नुक्कड़ नाटक ”आज़ादी का रंग तिरंगा” था जिसमें तिरंगे के महत्त्व को प्रतिपादित किया गया और दूसरा नाटक प्रेमचंद की कहानी पर आधारित ”हिंसा परमो धर्मः” था जिसमें धार्मिक वैमनस्यता की निर्रथकता की ओर संकेत किया गया। इन दोनों नाटकों में इबरार खान, मधु सिंह, राहुल गौड़, विशाल साव, सूर्य देव रॉय, राजेश सिंह, रवि पंडित, आशुतोष झा, कोमल साव, सपना कुमारी, राज घोष, चंदन भगत और मो. इज़राइल ने प्रभावी अभिनय किया। कार्यक्रम का सफल संचालन पिंकी जायसवाल शासमल ने किया। इस पूरे कार्यक्रम का संयोजन राजभाषा हिंदी विभाग के आशुतोष पांडे, सुधीर कुमार साव, रवि सिन्हा समेत निगम के अन्य अधिकारियों ने किया।