Monday, April 28, 2025
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डार्क एनर्जी टेलीस्कोप ने बनाया ब्रह्मांड का सबसे बड़ा थ्री डी नक्शा

वॉशिंगटन । डार्क एनर्जी टेलिस्कोप ने ब्रह्मांड का सबसे बड़ा और सबसे विस्तृत 3D नक्शा तैयार किया है। इससे डार्क एनर्जी के पीछे के रहस्यों और हमारे ब्रह्मांड को व्यवस्थित करने के तरीकों के बारे में कई खुलासे हो सकते हैं। डार्क एनर्जी टेलीस्कोप को डार्क एनर्जी स्पेक्ट्रोस्कोपिक इंस्ट्रूमेंट (DESI) के नाम से जाना जाता है। यह एक अंतरराष्ट्रीय परियोजना है, जिसे लॉरेंस बर्कले नेशनल लेबोरेटरी (उर्फ बर्कले लैब) चलाता है।

अंतरिक्ष के विकास की समझ बढ़ेगी
डार्क एनर्जी एक अभी तक खोजी जाने वाली रहस्यमयी शक्ति है जो ब्रह्मांड के विस्तार को प्रेरित करती है। डार्क एनर्जी टेलीस्कोप का मिशन इस फोर्स की फिजिक्स की समझ को बेहतर करना है। इसके अलावा यह टेलिस्कोप पता लगा रहा है कि भविष्य में अंतरिक्ष कैसे विकसित हो सकता है। डार्क एनर्जी टेलीस्कोप सिर्फ एक साल से ही ब्रह्मांड का सर्वे कर रहा है, लेकिन वैज्ञानिकों ने इसकी उपलब्धियों को पहले ही प्रभावशाली और रोचक करार दे चुके हैं।

बर्कले लैब ने शेयर किया ब्रह्मांड का मैप
बर्कले लैब ने अपने ट्विटर अकाउंट पर ब्रह्मांड के सबसे बड़े 3डी मानचित्र का एक वर्जन शेयर किया है। बर्कले लैब के वैज्ञानिक जूलियन गोय ने कहा कि यह मैप बहुत सुंदर है। 3डी मैप में आकाशगंगाओं का डिस्ट्रिब्यूशन में क्लस्टर, तारों की लाइनें और निर्वात दिखाई दे रहे हैं। लेकिन उनके भीतर, आप बहुत प्रारंभिक ब्रह्मांड की छाप पाते हैं जो इसके विकास के इतिहास को बताता है। इस मैप से क्या पता चलेगा?
सर्वे का प्राइमरी काम पूरे आकाश के एक तिहाई से अधिक में फैले लाखों आकाशगंगाओं की विस्तृत कलर स्पेक्ट्रम फोटो को इकट्ठा करना है। हर एक आकाशगंगा से अपने रंगों के स्पेक्ट्रम में प्रकाश को तोड़कर डार्क एनर्जी टेलिस्कोप यह निर्धारित कर सकता है कि अरबों वर्षों के दौरान ब्रह्मांड के विस्तार से प्रकाश को कितना ट्रांसफर किया गया है।

75 लाख आकाशगंगाओं की स्थिति की जानकारी मिलेगी
वैज्ञानिकों के पास ब्रह्मांड का 3डी नक्शा होने से वे आकाशगंगाओं के क्लस्टर और सुपरक्लस्टर्स को चार्ट में शामिल करने में सक्षम हैं। इससे आकाशगंगाों के बनने के दिनों के बारे में जानकारी मिल सकती है। मनुष्य इस बारे में अधिक जान सकते हैं कि ब्रह्मांड का निर्माण कैसे हुआ और इसका विकास कैसे जारी रहेगा। लेकिन, ऐसा होने के लिए और अधिक शोध की जरूरत है। अब से नया नक्शा 75 लाख से अधिक आकाशगंगाओं के स्थान की ओर इशारा करेगा।

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