वॉशिंगटन : वैज्ञानिकों के मुताबिक यदि इंसान मंगल ग्रह पर कॉलोनी बसाना चाहता है तो टीम के रूप में अच्छा काम और अंतरिक्ष यात्रियों के बीच हास्य विनोद की भावना होना जरूरी है। इन वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि सीमित अंतरिक्ष में फंसे एक समूह की मनोवैज्ञानिक गतिशीलता की समझ प्रौद्योगिकी जितनी ही अहम है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक ऐसे अंतरिक्ष यात्री अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ बेहतर काम कर सकते हैं जो भावनात्मक तौर पर स्थर हों , सहमत किए जाने लायक हों , नए अनुभव हासिल करना चाहते हों , लचीले हों और ज्यादा अंतर्मुखी या बहिर्मुखी नहीं हों।
उन्होंने कहा कि हास्य विनोद की भावना से तनावपूर्ण स्थितियों से निपटने में मदद मिल सकती है। यह शोध ‘ अमेरिकन साइकोलॉजिस्ट ’ नाम की पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।