राँची : झारखंड में धरती के नीचे स्वर्ण अयस्क के सात नए भंडार मिले हैं। सिंहभूम इलाके के ईचागढ़, जोजोडीह, भेंगम फुलझड़ी, मोर्चागोरा, ओटिया, टैबो और लुकापानी गांवों के पास इनके होने के प्रारंभिक संकेत मिले हैं। भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण यानी जीएसआई की जांच में इसकी पुष्टि हुई है। यहां सोने की मात्रा का पता लगाने के लिए जीएसआई और गहन परीक्षण करेगी। भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण की ओर से इन इलाकों में चट्टानों के नमूनों की जांच हुई है। इनमें से ज्यादातर क्वार्टज चट्टानें हैं। इन चट्टानों की रासायनिक जांच में स्वर्णअयस्क की मात्रा मिली है। इससे हजारों टन सोना मिलने की संभावना है। इससे प्रदेश में सैकड़ों करोड़ के राजस्व की बढ़ोत्तरी होगी। वहीं सोने पर आधारित अर्थव्यवस्था के नए आयाम के विकसित होने की भी संभावना है।
कहाँ हैं नए खजाने
ईचागढ़ के पास स्थित स्वर्ण भंडार सरायकेला-खरसावां जिले में है। जोजोडीह, भेंगम फुलझड़ी, मोर्चागोरा और ओटिया गांव पूर्वी सिंहभूम जिले में हैं। टैबो गांव जमशेदपुर की टैबो घाटी में है। लुकापानी गांव भी जमशेदपुर जिले के तहत ही आता है।
सोने के ज्ञात भंडारों की संख्या 17 हुई
भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण की ओर से सोने के सात नए भंडारों का पता लगाने के बाद राज्य में सोने के ज्ञात भंडारों की कुल संख्या 17 हो गई है। कुंदरकोचा और लावा में दो जगह पहले से ही सोने का खनन हो रहा है। चाईबासा जिले के परडीहा और परासी में सोने के खान की नीलामी हो चुकी है। यहां अभी खनन नहीं शुरू हो पाया है। जमशेदपुर के भीतरडारी में सोने की खान की मात्रा का पता लगाने का काम चल रहा है। 2017 में पांच नए भंडारों का पता चला था। इनमें कुबासाल, सोनोपेट, जारगो और सेरेंगडीह रांची जिले में है। जिलिगडा खरसावां के पास स्थित है।
आगे क्या होगा
जीएसआई सात नए स्थानों पर सोने की मात्रा का पता लगाएगी। सिस्टमेटिक थिमेटिक मैपिंग के बाद इन्हें खान का दर्जा दे दिया जाएगा। यह भी पता चलेगा कि किस विधि से खनन उचित है। भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण के उप महानिदेशक जर्नादन प्रसाद ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सोने के सात नए भंडारों के होने के संकेत मिले हैं। हमलोगों ने भारत सरकार को इसकी जानकारी भेजी है। इनकी मात्रा का पता लगाने के लिए गहन परीक्षण का काम शुरू किया जाएगा।