खाना बनाना आम महिला की जिंदगी का हिस्सा है मगर खाना बनाना किसी का शौक न रहकर जुनून बन जाए तो वह उसकी पहचान भी बन जाता है। पुणे की प्रसिद्ध शेफ शोभा इन्दाणी को उनके इस शौक न सिर्फ पहचान ही नहीं दी बल्कि वह ताकत दी जिससे वे हजारों युवतियों और लोगों को पाक कला से जोड़ रही हैं। महानगर में भी वे शीघ्र ही अपनी कुकिंग कार्यशाला के सिलसिले में आने वाली हैं। शोभा इन्दाणी जी ने हाल ही में ‘गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में ‘लार्जेस्ट कुकिंग लेसन’ का भी रिकॉर्ड बनाया था जहां उन्होंने ने 4000 लोगों को एक साथ 100 से भी ज़्यादा व्यंजन बनाना सिखाया था इंदौर में। उन्होने पिछले 30 सालो से ट्रेनिंग दे कर आज तक 50,000 लोगों से भी ज़्यादा लोगों को भारत के अनेक शहरों तथा गाँवों में लाखो लड़कियों एवं स्त्रियों को प्रशिक्षण दिया है। कोलकाता में होने वाला यह दो दिवसीय आयोजन मीडिया कनेक्ट की ओर से किया जा रहा है। आगामी 11 और 12 मार्च को सफायर बैंक्वेट में (इ एम बाईपास) यह कार्यशाला आयोजित की जा रही है। अपराजिता आपकी मुलाकात इस बार प्रख्यात शेफ शोभा इन्दाणी से करवाने जा रही है –
प्र. इस क्षेत्र में शुरुआत आपने कैसे की?
उ. पाक कला के क्षेत्र में तो मैं पिछले 30 साल से सक्रिय हूँ। कोशिश हमेशा कुछ नया करने की रहती है।जहाँ तक शुरुआत की बात है तो मेरी शादी 18 साल की उम्र में हो गयी है। मैंने जो भी सीखा है, अपनी माँ और सासू माँ से ही सीखा है मगर खास बात यह है कि मेरा सफर यहीं से आरम्भ हुआ। मैं जो भी बनाती थी, उसमें प्रयोग करती थी और पाक कला को निखारने के लिए मैंने होटल मैनेजमेंट किया।
प्र. तब से लेकर आज तक किस प्रकार का बदलाव आप देखती हैं?
उ. खाना बनाना हमेशा आपको खुशी देता है और बदलाव तो यह है कि खाने का स्वाद बदलता रहता है। लोग हर रेसिपी के साथ प्रयोग करके उसे और बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं। पहले यह सोचा भी नहीं जा सकता था कि पुरुष रसोई में जाकर कुछ पकाएं और उनको यह पसंद भी नहीं था। आज यह दिक्कत नहीं है, लड़के न सिर्फ रसोई में जा रहे हैं बल्कि अच्छा खाना पका रहे हैं और यह उनको अच्छा भी लगता है।
प्र. इस बदलाव में रिएलिटी शोज की कुछ भूमिका रही है?
उ. रिएलिटी शोज से पाककला को एक ग्लैमर मिला है और यह इसकी लोकप्रियता का कारण भी बना है। अब शेफ होने पर सम्मान मिलता है औऱ शेफ सेलिब्रिटी भी बन सकते हैं तो यह बदलाव तो ऐसे शोज की वजह से ही हुआ है। आज लोग खासकर युवा पीढ़ी भी पाक कला में रुचि रख रही है और उसे खाना बनाना अच्छा लग रहा है तो यह बदलाव ऐसे शोज के कारण हुआ है।
प्र. आप खुद किस तरह का खाना बनाना पसंद करती हैं?
उ. मैं ऐसा खाना बनाना पसंद करती हूँ जो आसानी से बने, उसमें नयापन हो और वह किफायती भी हो। आज कॉलेजों की लड़कियाँ भी मुझसे सीखने आती हैं। मुझे हर तरह का खाना बनाना पसंद है। भारतीय भोजन के साथ आप कई तरह के प्रयोगग कर सकते हैं। खासकर अंतरराष्ट्रीय व्यंजनों को भारतीय स्वाद में पेश करना मुझे बेहद पसंद है।
प्र. कोलकाता में होने वाली कार्यशाला के बारे में बताएं?
उ. इस कार्यशाला में मॆ २ दिन में 100 से भी ज़्यादा विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन और कुकिंग टिप्स और तकनीक सिखाने जा रही हूँ। 500 से भी ज़्यादा लड़कियां और गृहणियों को अब तक प्रशिक्षण दे चुकी हूँ। मॉकटेल्स, सौप्स, स्टार्टर्स, सलाद्स, पुड्डिंग्स, डेज़र्ट्स, चाइनीज़ , इतालियन, मेक्सिकन, सब्जियां, रोटिस, मिठाइस, स्नैक्स, कूकीज, केक्स, थाई, कॉन्टिनेंटल, मंगोलियन, सीज़्ज़लेर्स, डिप्स, चॉकलेट्स, आदि. इसके साथ साथ वो केक आइसिंग और सलाद कार्विंग्स भी कार्यशाला में सिखायी जाएगी। खास बात यह है कि हम प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र देंगे और यह कार्यशाला पूरी तरह शाकाहारी होगी।
प्र. आप क्या संदेश देना चाहेंगी?
उ. खाना रिश्ते मजबूत करता है। मैं तो यही कहूँगी कि जो भी बनाएं, उसमें लगन के साथ प्रेम होना चाहिए। इससे उसका स्वाद और अच्छा होगा।