जेबी फार्मा ने आधी कीं एज़्मार्डा की कीमतें

• बंगाल में 25 से अधिक और देश भर में 300 ‘हार्ट फेलियर’ क्लीनिक खोलेगा जेबी फार्मा 
• देश में 80 लाख से 1 करोड़ 20 लाख लोग हार्ट फेलियर से पीड़ित हैं
• एज़्मार्डा (सैक्युबिट्रिल-वलसार्टन®), 50 मिलिग्राम की एक टेबलेट अब  78 रूपए की बजाय  39.6 रूपये में उपलब्ध होगी
कोलकाता । जेबी केमिकल्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (जेबी फार्मा) ने क्रिटिकल हार्ट फेलियर दवा “एज़्मार्डा” की कीमत लगभग 50 प्रतिशत घटा दी है । सैक्युबिट्रिल – वलसार्टन युक्त एज़्मार्डा हार्ट फेलियर के इलाज के लिए उपयोग की जाती है । देश में इस समय 80 लाख से 1 करोड़ 20 लाख लोगों इससे पीड़ित हैं । कीमतों में कटौती के बाद एज़्मार्डा (सैकुब्यूट्रिल-वलसार्टन®), 50 मिलीग्राम 78 रुपये प्रति टैबलेट की बजाय 39.6 रुपये प्रति टैबलेट में उपलब्ध होगी। पश्चिम बंगाल में 22 प्रतिशत यानी 1 करोड़ से अधिक लोग हाइपरटेंशन से पीड़ित हैं और हाइपरटेंशन हार्ट फेलियर के ख़तरे का एक महत्वपूर्ण कारण है।
जेबी फार्मा के वाइस-प्रेजिडेंट एवं क्रोनिक क्लस्टर हेड विकास खरे  ने कहा, “यह निर्णय मरीजों के एक बड़े वर्ग को सबसे किफायती मूल्य पर अभिनव और गुणवत्तापूर्ण उपचार प्रदान करने की हमारी रणनीति के अनुरूप है। इस कदम के साथ, कुल उपचार पर मासिक खर्च 4500 से घटकर  2200 रूपये हो जाएगा। एचएफ दवा अस्पताल में भर्ती होने के खर्च को कम से कम  1,00,000 रूपये तक कम करने में भी सहायता करती है। किफायती मूल्य में ये दवा उपभोक्ताओं के लिए दिसंबर 2022 से उपलब्ध है।”
हार्ट फेलियर की समस्या पर प्रकाश डालते हुए मेडिका इंस्टिट्यूट ऑफ़ कार्डियक साइंसेज, कोलकाता के निदेशक डॉ दिलीप कुमार ने कहा, “ह्रदय सम्बन्धी बीमारियों से 25-30 प्रतिशत लोगों की मृत्यु होती है। ह्रदय सम्बन्धी बीमारियों में हार्ट फेलियर एक प्रगतिशील क्रॉनिक कंडीशन (दीर्घकालिक स्थिति) है, जिसमें ह्रदय की मांशपेशियां शरीर की आवश्यकता के अनुसार रक्त का पर्याप्त मात्रा में संचार नहीं कर पाती  हैं । कोरोनरी आर्टरी डिजीज हार्ट फेलियर का एक प्रमुख कारण है। हाइपरटेंशन, डायबिटीज, और मोटापा से हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ता है। साँस का फूलना और सूजन हार्ट फेलियर की प्रमुख लक्षण हैं। भारत में हार्ट फेलियर की बीमारी बढ़ती जा रही है।“
हार्ट फेलियर के उपचार पर बात करते हुए सीनियर कंसलटेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट & एलेक्ट्रोफीसिओलॉजिस्ट, मेडिका सुपरस्पेशलटी हॉस्पिटल, कोलकाता डॉ. प्रोफेसर रॉबिन चक्रवर्ती ने कहा, “दुनिया भर में हार्ट फेल्योर के मरीजों की संख्या उत्तरोत्तर बढ़ रही है। हार्ट फेलियर में जब पम्पिंग फंक्शन 40 प्रतिशत से काम होता है तो इसका मतलब होता है हार्ट पर्याप्त मात्रा में रक्त का संचार नहीं कर पा रहा है और ये फ़ैल भी हो सकता है। ये वही समय है जब हार्ट फेलियर का इलाज प्रारम्भ करनी चाहिए। हार्ट फेलियर के इलाज के लिए कुछ दवाइयाँ हैं जो हार्ट की विकृति को कम करती हैं। दवाइयों के इलावा, जीवन-शैली में सुधार जैसे नियमित व्यायाम, संतुलित भोजन भी ज़रूरी है जो हार्ट फेलियर के खतरे को कम करती है।”
विकास खरे ने आगे कहा, “हार्ट फेलियर एक गंभीर और भयावह स्थिति है और स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाना भी महत्वपूर्ण है। इसके बारे में,  हम पश्चिम बंगाल में 25 से अधिक और देश भर में लगभग 300 ‘हार्ट फेलियर’ क्लीनिक भी स्थापित करेंगे ताकि मरीज इसका जल्द पता लगा सकें और स्वास्थ्य संबंधी निर्णय ले सकें।”
एचएफ के मरीजों को पारंपरिक रूप से मुख्य दवा के रूप में केवल एआरबी (एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स) / एआई (ऐस इनहिबिटर्स) ही प्रिस्क्राइब की जाती थीं। सैकुब्यूट्रिल-वलसार्टन को 2017 में लॉन्च किया गया, इसे ईएफ (इजेक्शन फ्रैक्शन) बढ़ाने में एआरबीएस/एआईएस से बेहतर माना जाता है, इसलिए एचएफआरईएफ मरीजों के लिए अत्यधिक प्रभावी है। सैकुब्यूट्रिल + वलसार्टन वर्तमान में एचएफआरईएफ के 30-35 प्रतिशत मरीजों को प्रिस्क्राइब्ड किया जाता है, डॉक्टरों का मानना ​​है कि सही मूल्य निर्धारण के साथ यह प्रतिशत 50-65 तक बढ़ सकता है।
क्या है हार्ट फेलियर
हार्ट फेलियर एक क्रॉनिक कंडीशन (दीर्घकालिक स्थिति) है जिसमें हृदय रक्त को उस तरह से पंप नहीं करता है जैसा उसे करना चाहिए। यह एक प्रोग्रेसिव क्रॉनिक सिंड्रोम है जिससे शरीर की कार्यप्रणाली गड़बड़ा जाती है और जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है। रक्त अक्सर पीछे हटता है और फेफड़ों (रक्त संचय) और पैरों में तरल पदार्थ निर्मित होने लगता है। तरल पदार्थ के निर्माण से सांस की तकलीफ और पैरों व पंजों में सूजन हो सकती है। यह अनुमान है कि देश में 80 लाख से 1 करोड़ 20 लाख लोग हार्ट फेलियर (एचएफ) से पीड़ित हैं।

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