झुलस गए बाल और हाथ
फागी। जहां पूरा राजस्थान शनिवार को महिला दिवस व पन्नाधाय जयंती मना रहा था वहीं एक दस साल की बालिका अपने छोटे भाई-बहनों के लिए पन्नाधाय बनकर आग की लपटों में कूदकर उन्हें सुरक्षित बचा लाई। घटना है फागी उपखंड के निमेड़ा गांव में मांसी नदी किनारे बंजारा बस्ती की है। जहां बालिका ने छह जिंदगियां बचाकर सूझबूझ का परिचय दिया। इनमें दो दुधमुंहे बच्चे भी थे।
जानकारी के मुताबिक बंजारा बस्ती निमेडा में रहने वाले ओमप्रकाश, राकेश पुत्र गणेश बंजारा के छप्परपोश में शनिवार दोपहर करीब 12:30 बजे शॉर्ट शर्किट से अचानक आग लग गई। इस दौरान घर में बच्चों के अलावा कोई नहीं था। ओमप्रकाश व राकेश मजदूरी पर गए थे वहीं महिलाएं खेतों पर थी।
घर पर छोटे भाई-बहन कोमल (6), शीतल (6) नीतू (4) तनु (4) रितिका (2) हर्षित (18 माह) और रामधणी (3 माह) की देखभाल कक्षा 6 में पढ़ने वाली बालिका सरिपना कर रही थी। वह नहाने चली गई तो छोटी बहन कोमल ने बताया कि घर में आग लग गई।
इस पर बालिका ने बहादुरी दिखाते हुए आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन आग नहीं बुझी तो पहले चारपाई पर सो रहे मासूम हर्षित व रामधनी को लपटों के बीच से निकालकर बाहर लाई। इसके बाद चार बहनों को भी आग से बचाकर बाहर निकाला। भाई-बहनों को बचाते समय सरिपना के बाल व हथेली झुलस गई। सभी बच्चों को बाहर निकालकर शोर मचाया तो आसपास के लोग एकत्र हुए और आग बुझाने के प्रयास किए लेकिन आग बढ़ गई। आग में तीन छप्परपोश जलकर राख हो गए। पास ही स्कूल से अध्यापक अवधेश शर्मा मौके पर पहुंचे और पानी का टैंकर मंगवाया। वहीं एक बाइक को सुरक्षित निकाला। छप्परपोश में बंधे कई मवेशी जिंदा जल गए। इसस पहले सरिपना ने उन्हें भी बचाने के लिए हिम्मत जुटाई लेकिन लोगों ने उसे रोक लिया। कुछ देर बाद सरपंच और पटवारी मौके पर पहुंचे और मदद का आश्वासन दिया।