छिंदवाड़ा । छिंदवाड़ा में इन दिनों मन्दिर और रेलवे स्टेशन के आसपास एक डिजिटल भिखारी घूमते नज़र आ जाएगा. अगर आपके पास भीख देने के लिए अगर नकदी रुपये नहीं है तो भी कोई बात नहीं आप उसे डिजिटल भुगतान से भीख दे सकते हैं। दरअसल भारत में आपको हर जगह अलग-अलग अंदाज में भीख मांगते हुए दिख जाएंगे। कोई रेलवे स्टेशन पर भीख मांगते मिलेगा, तो कोई मंदिर के बाहर. अक्सर लोग भिखारी को भीख न देने के लिए बहाना भी बनाते है कि उनके पास छुट्टे पैसे नहीं है. या कह देते है कि मेरे पास अभी पैसे ही नहीं हैं। अगर आप भी इन बहानों से अब तक बचते रहे हैं तो अब सावधान हो जाइए क्योंकि अब इसके लिए भी भिखारियों ने तकनीक निकाल ली है और अब भिखारी के पास ऑनलाइन पेमेंट का ऑप्शन भी मौजूद हो गया है। आपको अब सार्वजनिक स्थानों पर डिजिटल भिखारी भी मिल सकते हैं।
डिजिटल मोड में भीख लेता है
इन दिनों मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा का रहने वाला एक भिखारी चर्चाओं में है. जिसका नाम हेमंत सूर्यवंशी है। डिजिटल तकनीक के इस युग में अब भिखारी भी अपने आप को अपडेट मोड पर रखने लगे हैं। भिखारी हेमंत सूर्यवंशी बारकोड स्कैन करके ऑनलाइन डिजिटल मोड में भीख लेता है इसलिए अब आपका छुट्टा ना होने का बहाना भी चलने वाला नहीं है।
चिल्लर नहीं होने का बहाना करते थे लोग
भिखारी हेमंत सूर्यवंशी का कहना हैं कि अधिकतर लोगों से जब वह भीख मांगता था, तो कई लोग चिल्लर नहीं होने का हवाला देते थे। उन्होंने डिजिटल तकनीक का सहारा लेते हुए बारकोड के जरिए भीख लेना शुरू किया है, जो लोग चिल्लर नहीं होने का बहाना करते हैं उनसे वह बारकोड के जरिए भीख लेते हैं।
अलग तरीका भीख मांगने का
हेमंत का भीख मांगने का अंदाज भी अलग है। मना करने पर वह कहता है. बाबूजी चिल्लर नहीं तो फोन-पे या गूगल-पे से भीख दे दो और लोग कुतूहल वश भीक दे भी देते हैं। भिखारी का कहना है कि लोग डिजिटल तकनीक को भीख के लिए इस्तेमाल होते देखने के लिए भीख भी आसानी से बारकोड स्कैन कर दे देते हैं।





