आस्था का पर्व छठ पूजा के चार दिवसीय छठ पूजा के दौरान बिहार एवं झारखंड के अलावा देश के अन्य राज्यों में बसे पूर्वांचल के लोग बेहद उत्साह एवं उमंग के साथ छठ पूजा करने को तैयार हैं। एक अनुमान के मुताबिक देशभर में लगभग 15 करोड़ से अधिक लोग इसमें शामिल होंगे जिससे 12 हजार करोड़ रुपये का व्यापार होने की संभावना है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री और दिल्ली की चांदनी चौक से भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि इस वर्ष छठ पूजा 96 घंटे (4 दिनों) में देशभर में करीब 12 हजार करोड़ रुपये का व्यापार होने की संभावना है। खंडेलवाल ने कहा कि कपड़े, फल, फूल, सब्जी, साड़ियों एवं मिट्टी के चूल्हे सहित छोटे उत्पादों के व्यापार में बड़ा उछाल देखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि एक अनुमान के अनुसार देशभर में करीब 15 करोड़ से अधिक लोग छठ पूजा में शामिल होंगे, जिनमें स्त्री, पुरुष युवा के अलावा बच्चे शामिल हैं। खंडेलवाल ने कहा कि “छठ पूजा केवल एक धार्मिक आयोजन ही नहीं बल्कि यह भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा भी है, जो सामाजिक एकता और समर्पण का प्रतीक है। इससे व्यापार और स्थानीय उत्पादकों को भी सीधा लाभ पहुंचता है, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को और मजबूत करेगा। छठ पूजा के दौरान इस्तेमाल होने वाले अधिकांश उत्पाद बड़े पैमाने पर स्थानीय कारीगरों और हस्तशिल्पियों द्वारा बनाये जाते हैं जिससे उन्हें रोजगार के नए अवसर प्राप्त हुए हैं। सांसद खंडेलवाल ने कहा कि छठ पूजा में प्रयुक्त होने वाली सामग्री, जैसे बांस के सूप, केले के पत्ते, गन्ना, मिठाई, फल विशेष रूप से नारियल, सेब, केला और हरी सब्जियां शामिल है। छठ पूजा के अवसर पर महिलाओं के पारंपरिक परिधानों, जैसे साड़ी, लहंगा-चुन्नी, सलवार कुर्ता और पुरुषों के लिए कुर्ता-पायजामा, धोती आदि की बड़ी खरीददारी हुई है, जिससे स्थानीय व्यापारियों को लाभ हुआ है और लघु एवं कुटीर उद्योग को भी बल मिला है। वहीं, घरों में छोटे पैमाने पर बनाये जाने वाले सामान की बड़ी बिक्री हो रही है।