चैत्र नवरात्रि सनातन धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो मां दुर्गा की नौ शक्तियों की उपासना के लिए समर्पित है। इस साल 2025 में चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से 6 अप्रैल तक मनाई जाएगी। वैसे तो इन नौ दिनों में देशभर के मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के त्रिकूट पर्वत पर स्थित मां वैष्णो देवी मंदिर का विशेष महत्व है। मान्यता है कि नवरात्रि में मां वैष्णो के दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है। लेकिन अगर आप पहली बार वैष्णो देवी घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं तो इस लेख में आपको वहां के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी।
वैष्णो देवी मंदिर भारत के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है। ये मंदिर 5,200 फीट की ऊंचाई पर एक नेचुरल गुफा में स्थित है, जहां मां वैष्णो देवी तीन पिंडियों के रूप में विराजमान हैं। ये पिंडियां मां काली, मां लक्ष्मी और मां सरस्वती का प्रतीक हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, ये मंदिर उन 108 शक्तिपीठों में से एक है, जहां माता सती का अंग गिरा था। चैत्र नवरात्रि के दौरान यहां लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। भक्तों का विश्वास है कि मां का ‘बुलावा’ आने पर ही कोई इस पवित्र स्थान तक पहुंच सकता है। नवरात्रि में इस मंदिर को फूलों और रंगीन रोशनी से सजाया जाता है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है।
वैष्णो देवी मंदिर तक पहुंचने का आधार कटरा है, जो जम्मू से 50 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां तक पहुंचने के लिए तीन सुविधाजनक रास्ते उपलब्ध हैं: हवाई मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग।
हवाई मार्ग: सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जम्मू एयरपोर्ट है, जो कटरा से 50 किलोमीटर दूर है। बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, श्रीनगर से नियमित उड़ानें उपलब्ध हैं। इसके बाद जम्मू से कटरा तक टैक्सी या बस से आसानी से पहुंचा जा सकता है, जिसमें 1-2 घंटे लगते हैं।
रेल मार्ग: देवी का दर्शन करने के लिए रेल मार्ग सबसे सुगम, सहज और सस्ता विकल्प है। जम्मू तवी या श्री माता वैष्णो देवी कटरा रेलवे स्टेशन सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हैं। देश के कई प्रमुख शहरों से यहां ट्रेनें चलती हैं। कटरा स्टेशन से मंदिर की यात्रा शुरू होती है।
सड़क मार्ग: दिल्ली, चंडीगढ़ और जम्मू से कटरा तक नियमित बसें चलती हैं। सड़क मार्ग से भी यात्रा आरामदायक और सुगम है। कटरा से मंदिर तक 13 किलोमीटर की चढ़ाई है। इसे पैदल, घोड़े, पालकी या हेलिकॉप्टर से पूरा किया जा सकता है। बहुत से लोग पैदल या पालकी से जाना पसंद करते हैं। इसके अलावा कुछ लोग हेलिकॉप्टर का भी प्रयोग करते हैं। हेलीकॉप्टर सेवा कटरा से संझीछत तक उपलब्ध है, जो लगभग 8 मिनट में पहुंचाती है। टिकट की कीमत लगभग 2,100 रुपये (एक तरफ) है और इसे ऑनलाइन बुक करना होता है। संझीछत से मंदिर 2.5 किलोमीटर दूर है। पैदल यात्रा के लिए कटरा में मुफ्त यात्रा पर्ची मिलती है। रास्ते में भोजन और विश्राम की सुविधाएं उपलब्ध हैं।
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