मुम्बई : लेखक चेतन भगत ने अपनी 10वीं की मार्कशीट ट्विटर पर शेयर कर कहा कि यह किसी भी व्यक्ति के बारे में पूरी जानकरी नहीं दे सकती। उन्होंने लिखा, “यह 10वीं कक्षा की मेरी मार्क्सशीट। 76% अंक। मुझे याद है, कागज का यह टुकड़ा तब कितना ताकतवर लगा था जब मैं 15 साल का था, लेकिन औसत छात्र के रूप में था। आज यह अप्रासंगिक है। मुझे खुशी है कि मैंने अपनी क्षमताओं और अपने विश्वास को इससे प्रभावित नहीं होने दिया। कागज का कोई भी टुकड़ा आपको परिभाषित नहीं कर सकता।’’ मार्कशीट के मुताबिक, चेतन सीबीएसई से 1989 में 10वीं पासआउट हुए। उनको विषयबार जो अंक मिले, उनमें अंग्रेजी में 76, हिंदी में 46, गणित में 92, विज्ञान में 92 और सामाजिक विज्ञान में 74 अंक मिले।
चेतन भगत का यह ट्वीट उन माता-पिता को प्रेरणा दे सकता है, जो प्रमाणपत्रों में दर्ज अंकों के आधार पर अपने बच्चे की क्षमताओं का आकलन करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक, भगत के उपन्यासों की 70 लाख प्रतियां बिकी हैं। 2008 में, न्यूयॉर्क टाइम्स ने भगत को “भारत के इतिहास में सबसे अधिक बिकने वाले अंग्रेजी भाषा के उपन्यासकार” के रूप माना था। 2010 में भगत को टाइम मैग्जीन ने विश्व के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में भी शामिल किया था। परीक्षा के तनाव से निपटने के लिए, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने इस शैक्षणिक सत्र से एक खेल का पीरियड अनिवार्य किया है। यह कक्षा 1 से 12 तक के लिए है। बोर्ड के एक सर्कुलर में लिखा है, ‘इससे बच्चों में तनाव कम होगा। स्कूलों में सीखने का बेहतर माहौल बनेगा।’ पूरे पाठ्यक्रम को चार हिस्सों में बांटा है। इसमें कोई भी थ्योरी क्लास नहीं है। प्रत्येक छात्र को कम से कम एक गतिविधि में हिस्सा लेना ही होगा। छात्र साल में अपनी चुनी हुई एक्टिविटी को बदल सकते हैं।