चिता की राख से खाद बनाएगा बाल वैज्ञानिकों का मोक्षा प्रोजेक्ट

बिलासपुर: मल्टीपरपज स्कूल दयालबंद के छात्रों व बाल वैज्ञानिकों के बनाए मॉडल मोक्षा को दुबई में हुई प्रतियोगिता में इनोवेशन ट्रैक कैटेगरी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। मोक्षा एक प्रोजेक्ट है, जिससे चिता की राख से खाद बनाया जा सकता है। इससे पहले इसे नीति आयोग ने भी सराहा था।
कलेक्टर पी.दयानंद ने बच्चों को शाबासी दी और उन्हें प्रमाण पत्र भी प्रदान किए। शिक्षा विभाग के सहायक संचालक डॉ.संदीप चोपड़े ने बताया कि दुबई में इनोवेशन ट्रैक कैटेगेरी में 22 से 26 जून तक यह प्रतियोगिता हुई। इसमें इन बच्चों ने अपने मोक्षा मॉडल के साथ भारत का प्रतिनिधित्व किया।
पूरे देश में प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने के बाद छात्रों को यह अवसर मिला था। प्रतियोगिता में अलग-अलग देशों से आए प्रोजेक्ट के बीच बाल वैज्ञानिकों ने पुरस्कार प्राप्त किया। वापस लौटने पर कलेक्टर दयानंद बाल वैज्ञानिक अतुल अग्रवाल, यमन कुमार, स्वास्तिक प्रजापति व गौरव महतो से मिले। कलेक्टर ने उन्हें बधाई देकर उनसे बात की। बाल वैज्ञानिकों ने कलेक्टर को प्रतियोगिता के अनुभव सुनाए। इस प्रतियोगिता में छह देशों के बाल वैज्ञानिकों ने अपना प्रोजेक्ट प्रस्तुत किया। उनके बीच भारत के प्रोजेक्ट को बेस्ट जज प्रोजेक्ट का पुरस्कार मिला है। इस प्रतियोगिता को बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने आयोजित किया था। इसके माध्यम से बाल वैज्ञानिकों के अविष्कार को दुनिया के सामने रखा गया। इस प्रतियोगिता में भारत के अलावा दूसरे देशों के बाल वैज्ञानिकों के अविष्कार व प्रोजेक्ट को भी प्रस्तु किया गया था।

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