आईआईटी रुड़की के शोधकर्ताओं ने कैंसर सेल्स का पता लगाने और खत्म करने वाले कार्बन नैनोडॉट्स विकसित किए हैं। ये कार्बन मैटेरियल गुलाब की पत्तियों से हासिल किए गए हैं। इसलिए इन्हें फ्लोरेसेंट कार्बन नैनो डॉट्स नाम दिया गया है। ये कैंसर सेल्स पता लगाकर और उसे खत्म करने में मदद करते हैं।
रिसर्च टीम के हेड डॉ. पी गोपीनाथ के मुताबिक नैनो आकार (10-9 मीटर) के कार्बन पार्टिकल को रोजी पेरिविंकल प्लांट की पत्तियों से तैयार किया गया है। इस उपलब्धि को साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड, डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी और भारत सरकार ने भी सराहा है।
कैंसर कोशिकाओं की लोकेशन पता लगा सकते हैं
डॉ. पी गोपीनाथ के अनुसार नैनो कार्बन पार्टिकल की मदद से कैंसर कोशिकाओं को आसानी से देखा जा सकता है और इमेजिंग सिस्टम की मदद से कहां जा रही हैं इसका भी पता लगाया जा सकता है। लोकेशन का पता चलने के बाद इसे खत्म किया जा सकता है। डॉ. पी गोपीनाथ के मुताबिक नैनोटैग आधारित रिसर्च जानवरों और क्लीनिकल ट्रायल में सफल रही है। यह एक लो-कॉस्ट नैनो मेडिसन है जो कैंसर जैसे खतरनाक रोग को दूर करने में मदद करेगी।
पौधे का आयुर्वेद दवाओं में हो रहा है इस्तेमाल
डॉ. पी गोपीनाथ के अनुसार रोजी पेरिविंकल प्लांट का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने में काफी पहले से ही किया जा रहा है। इसमें कई रोगों से लड़ने की क्षमता है। स्टडी के अगले चरण में यह तय किया जाएगा कि यह कैंसर कोशिकाओं को लक्ष्य मानते हुए कितनी तेजी से काम कर सकता है और परिणाम दे सकता है।