राजस्थान की धरती पर जब भी बात कला, संस्कृति और मंदिरों की होती है तो यह प्रदेश अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर के कारण विशेष महत्व रखता है। यहां कई मंदिर ऐसे हैं जिनकी मान्यताएं और परंपराएं उन्हें आम मंदिरों से अलग बनाती हैं। जोधपुर स्थित इश्किया गणेश मंदिर भी ऐसा ही एक अद्वितीय मंदिर है, जो प्रेम और आस्था का संगम माना जाता है। इस मंदिर का नाम जितना अनोखा है, उतनी ही दिलचस्प इसकी ऐतिहासिक और धार्मिक कहानियां भी हैं।
मंदिर का इतिहास और स्थापत्य – इश्किया गणेश मंदिर का इतिहास सदियों पुराना माना जाता है। कहा जाता है कि इसे मारवाड़ के पुराने राजाओं ने बनवाया था। यह मंदिर स्थानीय लोगों और राजघरानों के लिए विशेष धार्मिक स्थल रहा है। मंदिर में स्थित गणेशजी की मूर्ति को स्वयंभू माना जाता है, अर्थात यह मूर्ति स्वयं प्रकट हुई थी। इस मूर्ति में अद्भुत दिव्य शक्तियां होने का विश्वास किया जाता है।
क्यों पड़ा इश्किया गणेश नाम?
मंदिर का नाम “इश्किया गणेश” इसलिए पड़ा क्योंकि यहां प्रेमी युगल भगवान गणेश की पूजा करते हैं और अपने रिश्ते में सफलता की कामना करते हैं। “इश्किया” शब्द का अर्थ ही प्रेम से जुड़ा हुआ है। यही कारण है कि यह मंदिर प्रेम और आस्था दोनों का प्रतीक बन गया है।
मंदिर से जुड़े रोचक किस्से
प्रेमी युगलों की मनोकामना पूरी होती है – मान्यता है कि जो प्रेमी यहां गणेशजी की पूजा करते हैं, उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और विवाह में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं।
दुष्ट आत्माओं से रक्षा – एक समय था जब इस क्षेत्र में दुष्ट आत्माओं का भय था। लोगों ने गणेशजी से प्रार्थना की और उन्हें सुरक्षा का आशीर्वाद मिला। तभी से मंदिर का महत्व और बढ़ गया।
चमत्कारिक मूर्ति – यहां की गणेश प्रतिमा को चमत्कारिक माना जाता है और भक्त विश्वास करते हैं कि यह प्रतिमा उनके जीवन की हर कठिनाई को दूर करती है।
परंपरा: शादी का कार्ड चढ़ाने की अनोखी रस्म – इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है शादी का कार्ड चढ़ाने की परंपरा। यहां नवविवाहित जोड़े और प्रेमी युगल अपने विवाह का कार्ड भगवान गणेश को अर्पित करते हैं। यह विश्वास है कि ऐसा करने से गणेशजी उनके रिश्ते को स्वीकार कर उन्हें आशीर्वाद देते हैं। यह परंपरा समय के साथ मजबूत होती चली गई और अब यह मंदिर हर प्रेमी के लिए आशा और विश्वास का केंद्र बन गया है।
धार्मिक मान्यताएं – यहां आकर भगवान गणेश की पूजा करने से विवाह में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं। यही कारण है कि जोधपुर के लोग किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत इस मंदिर से करते हैं। उनका विश्वास है कि गणेशजी की कृपा से कार्य में कोई विघ्न नहीं आता।
(साभार – खास खबर)