अजमेर. स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम के तहत अजमेर की जिला कलेक्टर डॉ. आरुषि ए. मलिक को हाल ही में पूरे देश के जिला कलेक्टर व डिप्टी कमिश्नर को प्रशिक्षण देने के लिए चुना गया। केंद्र सरकार ने उन्हें इसके लिए रिसोर्स पर्सन बनाया। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन नई दिल्ली द्वारा 4 व 5 अप्रैल को देशभर के सभी जिला कलेक्टर व डिप्टी कमिश्नर के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
– अकेले अजमेर जिले में इस वर्ष 2 लाख 41 हजार शौचालयों का निर्माण हुआ है, जो बड़ी उपलब्धि है।
– स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले में कलेक्टर ने जिले के सभी ब्लाॅक में जिला स्तर के अलग-अलग अधिकारियों को प्रभारी नियुक्त कर उनकी देखरेख में काम करवाया गया था।
– इतना ही नहीं, इन सभी अधिकारियों को संबंधित गांवों में जाकर वहां पर ली जाने वाली ग्रामीणों की बैठकों व शौचालय निर्माण की फोटो भी कलेक्टर को वाट्सएप पर भेजनी होती है, जिससे वास्तविकता सामने आ सके।
– स्वच्छ भारत मिशन के तहत अजमेर जिले में अधिकारी व कर्मचारी सुबह पांच बजे ही गांवों में पहुंच जाते और शौच के लिए पानी का डिब्बा लेकर जंगल जाने वाले लोगों को रोका जाता, उनकी फोटो ली जाती और उन्हें समझाया जाता कि यह गलत है।
– भारत सरकार जब शौचालय निर्माण के लिए जब निश्चित राशि का नकद भुगतान कर रही है तो उन्हें हर सूरत में शौचालय का निर्माण करवाना चाहिए, इसका असर भी हुआ और शौचालय निर्माण में इजाफा हुआ।
– कलेक्टर मलिक की समझाइश का ही असर हुआ कि पुष्कर के पास गनाहेड़ा ग्राम पंचायत की कालबेलिया बस्ती में मदन नाथ कालबेलिया ने सभी परिवारों को समझाते हुए घरों में शौचालयों का निर्माण करवा दिया।
कौन हैं डॉ. आरुषि
–अजमेर की कलेक्टर आरुषि पहले भी अपने सफाई अभियान को लेकर सुर्खियां बटोर चुकी हैं ।
– वे अपने कर्मचारियों के साथ मिलकर शहर की सड़कों की सफाई करती हैं। इस दौरान उनका चेहरा भी काला हो गया था।
– वे कई बार पुष्कर और अजमेर की सड़कों की सफाई कर चुकीं हैं।
– कलेक्टर का कहना है कि वे चाहती हैं कि तीर्थ नगरी पुष्कर जिले की सबसे क्लीन सिटी बने।