कोलकाता : केन्द्र सरकार क्वान्टम तकनीक और इसकी सम्भावनाओं को लेकर गम्भीर है। इस तकनीक को लेकर काम करने वाले लोगों, समूहों, संसाधनों की खोज भी शुरू हो गयी है। ऐसोचेम द्वारा क्वान्टम तकनीक को लेकर आयोजित एक वेबिनार को सम्बोधित करते हुए विज्ञान एवं तकनीक विभाग के सचिव आशुतोष शर्मा ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि इसके लिए अगले तीन सालों में 200 करोड़ रुपये की लागत से परियोजना पर काम चल रहा है। केन्द्रीय बजट में भी अगले 5 साल में 800 करोड़ रुपये का आवंटन इस क्षेत्र के लिए किया गया है। वेबिनार को सम्बोधित करते हुए इसरो के वैज्ञानिक सचिव आर. उमामहेश्वरन ने इस तकनीक के महत्व को समझाया। माइक्रोसॉफ्ट इंडिया की राष्ट्रीय तकनीक अधिकारी डॉ. रोहिणी श्रीवत्स ने कहा कि इस क्षेत्र में डेवलपरों, विद्यार्थियों और कम्पनिय़ों के लिए बहुत सम्भावनाएं हैं। ऐसोचेम के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि देश में और अधिक क्वान्टम कम्प्यूटिंग एप्लिकेशन लैब की जरूरत है। विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों, अकादमिक क्षेत्र के लोगों की जरूरत है। क्वान्टम तकनीक का उपयोग स्वास्थ्य, निर्माण, एयरोस्पेस और इंजीनियरिग जैसे क्षेत्रों में किया जा सकता है। इस वेबिनार में ऐसोचेम के अन्य गण्यमान्य अधिकारी भी उपस्थित थे।