कोलकाता : आनंद प्रकाशन के स्टॉल पर कालीप्रसाद जायसवाल के काव्य संग्रह ‘तुम नहीं थे’, पंकज साहा के व्यंग्य संग्रह ‘हा ! बसंत ! ‘ और ‘जन्नत’ तथा राजू कुमार के कविता संग्रह ‘संवेदना के क्षण’ पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए आलोचक शंभुनाथ ने कहा कि पंकज साहा के व्यंग्य में हास्य और प्रहार का मिश्रण है ।कालीप्रसाद जायसवाल के काव्य संग्रह पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी कविताओं में जीवन के विविध आयामों का जिक्र है।
इस अवसर पर मुकुंद शर्मा, राजेश सिंह, दीपा ओझा, प्रीति साव, रूपेश कुमार यादव, पंकज सिंह, सूर्यदेव रॉय ‘सोनू’, राहुल गौड़, रूपल साव, मधु सिंह, सुमन शर्मा, आशा पांडेय, आनंद गुप्ता, पंकज साहा, सेराज खान बातिश, आशुतोष, मंजू श्रीवास्तव, शैलेश गुप्ता, अनिला राखेचा, ज्योति शोभा, अमरचंद जायसवाल, ऋतु तिवारी, महेश जायसवाल, मीता दास, रामनिवास द्विवेदी, मृत्युंजय, नीलम अग्रवाल और कालीप्रसाद जायसवाल ने काव्य पाठ किया। कार्यक्रम का सफल संचालन संजय जायसवाल और धन्यवाद ज्ञापन दिनेश त्रिपाठी ने किया।