कोलकाता । कोलकाता अनुभव और केंद्र सरकार सांस्कृतिक विभाग की संयुक्त पहल में एक रमणीय सांस्कृतिक कार्यक्रम – “बाब्य नाट्य मंचन और लोककथा” का आयोजन गुरुवार, 24 अक्टूबर 2024 को कोलकाता के कोलकाता सभागार में किया गया। इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि डॉ. हेमंती चट्टोपाध्याय (सदस्य सचिव, पश्चिम बंगाल राज्य नृत्य, नाटक, संगीत और दृश्य कला अकादमी, कोलकाता), डॉ. तरूण प्रधान (नाटक विभाग के प्रमुख, रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय, कोलकाता), नौशाद मल्लिक (पत्रकार एवं टेलीफिल्म निदेशक), श्रीयुक्त अभिजी सात्रा (निदेशक एवं प्राचार्य, आयुषी फिल्म एवं टेलीविजन इंस्टीट्यूट, कोलकाता) इन सभी प्रतिष्ठित लोगों की उपस्थिति रही।
दीप प्रज्ज्वलन से कार्यक्रम का उद्घाटन और भाषण से कार्यक्रम की शुभ शुरुआत हुई जिसने असंख्य श्रोतागणों को बांधे रखा। आरंभिक संगीत के रूप में कलाकार संजीब घोष ने रवीन्द्रनाथ टैगोर का एक गीत प्रस्तुत किया, जिसने हर श्रोता के दिल को छू लिया। इसके बाद मंच पर प्रसिद्ध ओडिसी नृत्यांगना कलाकार कॉमेडी और ड्रामा में समान रूप से कुशल, विजया दत्त आईं, जिन्होंने उक्त कार्यक्रम में ओडिसी नृत्य का प्रदर्शन करके एक बार फिर दर्शकों को आश्चर्यचकित कर दिया।
बाल कलाकार उद्भव दास और खोलेल के अभिनय ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। विशिष्ट अतिथि नौशाद मल्लिक ने अनूठी फरमाइश “कोलकाता अनुवीर ” पर कविता सुनाकर श्रोताओं का दिल जीत लिया। समारोह में प्रतिष्ठित व्यक्तियों को प्रमाण पत्र, पुरस्कार तथा शुभकामनाएँ देकर सम्मानित किया गया । कई अन्य प्रतिष्ठित लोगों की मौजूदगी ने इस कार्यक्रम को और भी शानदार बना दिया जिनमें डॉ. श्रीधर महदेबन, डॉ. अनिक बनर्जी, सुस्मिति पांडा, आयशा खातून, शाशनी नाथ चटर्जी और रूपा बार घोष प्रमुख रहे । कोलकाता अनुभव के अनुरोध पर डॉ. श्रीधर महादेव ने अपनी खूबसूरत आवाज में दो आधुनिक गीत प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण प्रसिद्ध अभिनेत्री एवं हास्य कलाकार श्रीमती कृष्णा दत्त द्वारा प्रस्तुत एकांकी नाटक “नारीर अव्यक्त तनधन” की प्रस्तुति रही। उनकी लाजवाब एक्टिंग ने दर्शकों के मन और हृदय को छू लिया। एक हास्य नाटक “चिंता हरण ” दर्शकों के लिए एक अलग स्वाद लेकर प्रस्तुत किया गया । इस नाटक में विजया दत्त, सुब्रतमान बार और सबिता घोष उनका परिचय मुंसियानार के रूप में कराते हैं। प्रसिद्ध चेहरे अभिनेता बैद्यनाथ चक्रवर्ती, अनीन चक्रवर्ती, मुकुल देब और दीपक मोहुलताफ़ी विशेष प्रशंसा के पात्र रहे । दो नवीनतम हास्य नाटक “अदाई कांचलाय” और “राजयोतक” के प्रदर्शन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस नाटक में कलाकार श्रीमती सबिता घोष, श्रीमती शिला चटर्जी और श्री तापस मुखर्जी थे। डॉ वसुंधरा मिश्र ने बताया कि संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन दिव्येंदु मालाकार और राजलक्षी श्रीधर के संयोजन में संपन्न हुआ।