नयी दिल्ली । आरटीआई के जवाब से यह भी पता चला कि अप्रैल-दिसंबर 2021 के दौरान 1.78 करोड़ से अधिक यात्रियों को बेटिकट या निर्धारित गंतव्य से अलग टिकट और बिना बुक किए सामान के साथ यात्रा करते हुए पाया गया। उनसे 1,017.48 करोड़ रुपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गई।
कोरोना में लोगों ने जमकर की बिना टिकट रेल यात्रा
नई दिल्ली: कोरोना में लोगों ने जमकर बिना टिकट रेलवे से यात्रा की है। आंकड़े इसके गवाह हैं। रेलवे ने वित्त वर्ष 2021-22 के पहले नौ महीनों में 1.78 करोड़ से अधिक बेटिकट यात्रियों सामान की बुकिंग कराए बिना सफर करने वालों को पकड़ा। गैर-कोविड प्रभावित वित्तीय वर्ष 2019-2020 की तुलना में यह लगभग 79 फीसद की वृद्धि है। सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत मिले जवाब से यह जानकारी सामने आई है। वहीं, लोगो ने आवश्यकता से कम ट्रेनें होने की शिकायत भी की।
मांग-आपूर्ति में अंतर की शिकायत
यात्रियों ने यह शिकायत की है कि ट्रेन सेवाओं की मांग व आपूर्ति में अंतर है। रेलवे द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार सीट आरक्षण चार्ट को अंतिम रूप देने के बाद प्रतीक्षा सूची में शामिल 52 लाख से अधिक लोग चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में ट्रेनों से यात्रा नहीं कर सके, जो व्यस्त मार्गों पर अधिक ट्रेनों की आवश्यकता का संकेत देता है। वित्तीय वर्ष 2021-2022 के सितंबर तक बुकिंग कराने वाले 52,96,741 यात्रियों की तुलना में 32,50,039 पीएनआर (PNR) को स्वत: रद्द कर दिया गया, क्योंकि उनके नाम चार्ट तैयार होने के बाद प्रतीक्षा सूची की स्थिति में थे।
वसूला 1,017 करोड़ का जुर्माना
कोरोना महामारी से प्रभावित 2020-21 के वित्तीय वर्ष के दौरान ऐसे यात्रियों की संख्या 27 लाख थी, जब यातायात की आवाजाही पर गंभीर प्रतिबंध थे। मध्यप्रदेश के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में रेलवे ने यह आंकड़ा उपलब्ध कराया है। आरटीआई के जवाब से यह भी पता चला कि अप्रैल-दिसंबर 2021 के दौरान 1.78 करोड़ से अधिक यात्रियों को बेटिकट या निर्धारित गंतव्य से अलग टिकट और बिना बुक किए सामान के साथ यात्रा करते हुए पाया गया। उनसे 1,017.48 करोड़ रुपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गई।
यह है बेटिकट यात्रा में वृद्धि का कारण
सूत्रों ने संकेत दिया कि बेटिकट यात्रा में इस तरह की वृद्धि का एक प्रमुख कारण यह है कि मौजूदा समय में जब अधिकतर कोविड प्रतिबंध हटा दिए गए हैं, कई एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों में केवल ऑनलाइन बुकिंग और सीमित सेवाएं हैं।
कोरोना काल से पहले यह था आंकड़ा
कोरोना वायरस महामारी से अप्रभावित 2019-2020 के वित्तीय वर्ष में 1.10 करोड़ लोग बेटिकट यात्रा करते पकड़े गए और उनसे कुल 561.73 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूल किया गया। अप्रैल 2020 से मार्च 2021 यानी वित्त वर्ष 2020-21 के बीच 27.57 लाख लोग बिना टिकट यात्रा करते पकड़े गए और उन पर 143.82 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया।
लोग कर रहे अधिक यात्रा
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘समस्या यह है कि पिछले दो वर्षों में यात्रा पर गंभीर प्रतिबंधों के बाद लोग अब अधिक से अधिक यात्रा कर रहे हैं। कुछ आपात स्थिति के कारण और कई छुट्टियों की वजह से। यात्रियों की संख्या में तो वृद्धि हुई है, लेकिन ट्रेनों की संख्या, फेरों की संख्या समान बनी हुई हैं। हमने क्लोन ट्रेनें शुरू की हैं और चीजें बेहतर होंगी।’’