कोलकाता : कोविड -19 के कारण कृषि व उससे अन्य सम्बन्धित क्षेत्र को उबारने के लिए केन्द्र सरकार ने कई सुधारमूलक कदम उठाए हैं। उद्योग जगत ने इनका स्वागत किया है। ई वाई इंडिया में सरकार व निजी क्षेत्र के साझेदार अमित वात्स्यायन ने कहा कि एशेंसल कमोडिटीज एक्ट तथा में सुधार तथा एपीएमसी से निवेश बढ़ेगा। राज्य़ों के बीच अनाज, खाद्य तेल, तेल के बीज, प्याज और आलू की अर्न्तराज्यीय गतिविधि तेज होगी। ये फसलें किसानों की आय खासकर कृषिउद्योग क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं। कृषि के विपणन यानी मार्केटिंग के लिहाज से किसानों को उनकी फसल देश में कहीं भी बेचने की छूट देना एक बड़ा कदम है। पशुपालन और मत्स्य उद्योग की संरचना मजबूत करने के लिए जो कदम उठाये गये हैं, उससे उत्पादों में विविधता बढ़ेगी जिससे कृषकों की आय 25 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। ऑपरेशन ग्रीन के विस्तार से सभी फल और सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को और उस शहरी वर्ग को लाभ होगा जिसके यहाँ इन उत्पादों के 60 प्रतिशत हिस्से की खपत होती है। हर्बल पौधों, मधुमक्खी पालन भी किसानों की आय बढ़ायेंगे।
वहीं ई वाई इंडिया, सरकारी व निजी क्षेत्र में साझेदार सत्यम शिवम सुन्दरम ने कहा कि किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड तथा नाबार्ड के जरिए इमरजेंसी वर्किंग कैपल फंड मुहैया करवाना संस्थानगत क्रेडिट की ओर छोटे किसानों के लिए उठाया गया एक बड़ा कदम है। छोटे और मझोले किसानों को अब तक बेहद ऊँची ब्याज दर पर कर्ज लेना पड़ता था। इसके साथ ही ई नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट से भी किसानों को लाभ होगा। बाजार में लेनदेन के तरीकों को अपनाने से एक प्रणाली बनेगी। एनबीएफसी और एमएफआई का कृषि क्षेत्र में अंश 36 प्रतिशत से अधिक होगा। इससे 3 करोड़ किसानों को लाभ होगा। प्रवासी मजदूरों के लिए मनरेगा योजना के तहत काम मिलने से उनके साथ संरचनागत विकास को भी जगह मिलेगी।