नयी दिल्ली : देश के प्रमुख दलित नेताओं में से एक केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान का निधन गत 8 अक्टूबर को हो गया। उनके पुत्र और लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने अपने पिता के निधन की सूचना दी। पासवान 74 साल के थे। लोजपा के संस्थापक और उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पासवान कई सप्ताह से यहां के एक अस्पताल में भर्ती थे। हाल ही में उनके हृदय की सर्जरी हुई थी।
समाजवादी आंदोलन के स्तंभों में से एक पासवास बाद के दिनों में बिहार के प्रमुख दलित नेता के रूप में ऊभरे और जल्दी ही राष्ट्रीय राजनीति में अपनी विशेष जगह बना ली। 1990 के दशक में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण से जुड़े मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करवाने में पासवान की भूमिका महत्वपूर्ण रही। खगड़िया में 1946 में जन्मे पासवान का चयन पुलिस सेवा में हो गया था लेकिन उन्होंने अपने मन की सुनी और राजनीति में चले आए। पहली बार 1969 में वह संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए। वह आठ बार लोकसभा के सदस्य चुने गए और कई बार हाजीपुर संसदीय सीट से सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से जीते।