वाहनों पर घाटी में मनाए जाने वाले त्योहारों के बधाई संदेश लिखे
कश्मीर में सेना ने अपने काफिले के झंडे का रंग बदल दिया है। अब इसे लाल से बदलकर नीला कर दिया गया है। सेना का काफिला जब भी गुजरता है, तो सबसे आगे वाले वाहन पर एक झंडा लगा रहता है। यह पहले लाल रंग का हुआ करता था। सेना का मानना है कि लाल रंग हिंसा का प्रतीक है, लिहाजा इसे बदलने का फैसला लिया गया।
सेना के काफिले में शामिल वाहनों पर घाटी में मनाए जाने वाले त्योहारों के बधाई संदेश भी लिखे गए हैं। साथ ही घाटी की खूबसूरती दिखाने वाले पोस्टर लगाए गए हैं। ऐसा करके सेना ने खुद को स्थानीय लोगों से जुड़ाव का संदेश दिया है।
लाठी की जगह सीटी दी गयी
पहले सैनिक काफिले के साथ लाठी लेकर चलते थे। इसे पटककर ठक-ठक की आवाज निकालते और लोगों को काफिले से दूर रहने के लिए कहते थे। अब इसे भी बदल दिया गया है। जवानों को लाठी की जगह सीटी दी गई है। इसे बजाकर भीड़ को काफिले से दूर किया जाता है।
छावनी इलाके की तस्वीर बदली
सेना ने इस मुहिम के तहत छावनी इलाके की दीवारों पर कश्मीर में ऊंचा मुकाम हासिल करने वाले लोगों की तस्वीरें बनाई जा रही हैं। काफिले में शामिल वाहनों पर भी कश्मीर के सुंदर स्थलों की चित्रकारी की गई है। बताया जा रहा है कि ऐसा करके सेना कश्मीरियों के दिल में जगह बनाना चाहती है।
धारा -370 हटाए जाने के बाद सेना की पहल
जम्मू- कश्मीर से धारा-370 हटाए जाने के बाद सेना ने स्थानीय लोगों का विश्वास जीतने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की है। इसके तहत स्थानीय लोगों की जरूरत पड़ने पर मदद करने के साथ- साथ सामाजिक कामों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना शामिल है। हाल ही में पुंछ में सेना ने एक दरगाह की मरम्मत के लिए आर्थिक मदद की थी। यहां जायरीनों के लिए एक शेड भी बनवाया है।