उच्च शिक्षा को विश्वस्तरीय बनाने की रणनीति पर चर्चा
कोलकाता । कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए एक दिवसीय राज्य स्तरीय सेमिनार सह कार्यशाला का आयोजन किया गया । कॉलेज की आन्तरिक गुणवत्ता सत्यापन प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित इस सेमिनार में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सन्दर्भ में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में होने वाले परिवर्तनों के अनुरूप कार्यशैली अपनाने तथा तकनीक के माध्यम से शिक्षा को उन्नत करने पर जोर दिया गया। कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज की प्राचार्या डॉ. सत्या उपाध्याय ने इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यशाला में कॉलेज के शिक्षक – शिक्षिकाओं, गैर शिक्षण कर्मियों के अतिरिक्त अन्य कॉलेजों के आईक्यूसी संयोजक शामिल हुए और कुल 70 प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला का लाभ उठाया ।इस अवसर पर कई प्राचार्य भी उपस्थित थे।कार्यशाला का विषय उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता की सुनिश्चतता : मापदंड एवं उत्कृष्टता केंद्र हेतु रणनीति था। इस सेमिनार सह कार्यशाला को मुख्य वक्ता के रूप में न्यू अलीपुर कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. जयदीप सारंगी एवं मालदा कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. मानस कुमार वैद्य ने सम्बोधित किया। डॉ. जयदीप सारंगी ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु उच्च मापदंड के सन्दर्भ में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि कॉलेजों के लिए सबसे पहले अपनी उपलब्धियों, गतिविधियों के माध्यम से सबके सामने नजर आना आवश्यक है। प्लेसमेंट के सन्दर्भ में उपलब्धियों पर विशेष जोर देते हुए कहा कि संस्थान विभिन्न संस्थाओं एवं संस्थानों के साथ साझेदारी में कई तरह के कार्यक्रम कर सकते हैं और विश्वस्तर पर विकसित देशों के साथ चल सकते हैं। यह उनको अनुदान पाने में भी सहायता करेगा। दूसरी तरफ डॉ. मानस कुमार वैद्य शिक्षा को एआई का उपयोग करते हुए विकसित करने पर जोर दिया । उन्होंने अपनी प्रस्तुति में कई तकनीकी टूल्स से भी सबका परिचय करवाया जिनका लाभ शिक्षक उठा सकते हैं और अपने कार्य को और बेहतर बना सकते हैं। कार्यशाला में कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज की संचालन समिति की सदस्य डॉ. मैत्रेयी भट्टाचार्य,डॉ इन्द्रनील कर, कॉलेज की आईक्यूएसी संयोजक प्रो० प्रेम कुमार घोष डॉ. सुपर्णा भट्टाचार्य, कार्यक्रम की सह संयोजिका समेत कई अतिथि उपस्थित थे। इसके साथ ही डॉ श्यामलेन्दु चटर्जी, डॉ अमृता दत्ता, डॉ सुब्रत राय भी इस अवसर पर उपस्थित थे।