लगभग 4000 वर्षों से आयुर्वेद में नीम का औषधीय उपयोग किया जा रहा है और आयुर्वेद में इसे ‘सर्वरोग निवारिणी’ भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है- सभी तरह के रोगों का निवारण करने वाला। आयुर्वेद में ‘नीम’ बेमिसाल औषधि मानी जाती है, क्योंकि नीम से हर तरह के रोगों का इलाज संभव है।
नीम में एंटीबायोटिक तत्व भरपूर मात्रा में होता है, जो रोगों को दूर रखने का काम करता है। नीम स्वाद में कितना भी कड़वा हो लेकिन बीमारियों के लिए उतना ही लाभकारी होता है। नीम का पेड़ त्वचा संक्रमण, घाव और फंगल इंफेक्शन जैसी कई बीमारियों का इलाज है।
औषधियों का खजाना है नीम
नीम के पेड़ का हर एक भाग महत्वपूर्ण होता है नीम के फल, बीज और पत्ते, इन सभी से तेल निकाला जाता है और इसी तेल का उपयोग त्वचा से संबंधित बीमारियों और अन्य कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के उपचार के लिए किया जाता है। ज्यादातर नीम का इस्तेमाल त्वचा संबंधी बीमारियों के लिए किया जाता है जैसे- एक्जिमा और सोरायसिस जैसी बीमारियां इससे जल्दी ठीक हो सकती हैं, लेकिन एंटीबायोटिक गुणों के कारण नीम से हर तरह के रोगों का इलाज हो सकता है। आइए जानते हैं वह कौन से रोग हैं, जिनका इलाज नीम के उपयोग से संभव है –
रोज सेवन करें तो साफ होता है खून- नीम के सेवन से शरीर का रक्त साफ होता है और रक्त में शर्करा का स्तर भी संतुलित होता है। नियमित एक गिलास पानी में दो-तीन नीम के पत्ते और थोड़ा सा शहद मिलाकर सुबह खाली पेट पीने से हार्मोन का स्तर भी ठीक होता है।
हड्डियों व जोड़ों के दर्द के लिए लाभकारी- नीम में इंफ्लामेटरी तत्व पाया जाता है, जो दर्द को दूर करता है। नीम की पत्तियां और फूल जोड़ों के दर्द में लाभ पहुंचाते हैं। लगातार दो महीनों तक एक गिलास पानी में नीम के फूल और पत्ते उबालकर इसका पानी पीने से गठिया का रोग ठीक हो जाता है। इसके साथ ही नीम के तेल की मालिश से जोड़ों के दर्द में भी राहत मिलती है और यह तेल मांसपेशियों को भी मजबूत करता है।
मधुमेह के रोगियों के लिए रामबाण इलाज- एक अध्ययन में पाया गया है कि नीम में हाईपोग्लासेमिक गुण मौजूद होते हैं, जो रक्त में शक्कर के कणों को कम करते हैं। यदि मधुमेह के रोगी रोज सुबह एक नीम की पत्ती खाते हैं तो इससे रोगी की शुगर संतुलित होती है।
चेहरे में निखार लाता है नीम- नीम का टेस्ट करते ही भले ही लोगों का चेहरा बिगड़ जाता हो, लेकिन नीम चेहरे के लिए एक शानदार औषधि है। नीम फेस पैक, नीम का पानी, नीम शहद, नीम का साबुन और नीम का तेल आदि चेहरे पर निखार लाने के लिए काम में लाए जाते हैं।
चोट के निशान भी हो जाते हैं दूर- यदि चोट के किसी भी निशान पर नीम के पेस्ट का इस्तेमाल किया जाए तो किसी भी प्रकार के निशान कम जाते हैं। इसके लिए नीम के पेस्ट में थोड़ी सी हल्दी डालकर इस्तेमाल करें। इसके अलावा नीम के पत्ते में तुलसी, गुलाब जल के साथ पीसकर चेहरे पर लगाने से निखार आता है और त्वचा बेदाग हो जाती है। नीम में गर्भनिरोधक गुण होते हैं जो गर्भपात का कारण होता है। इसके उपयोग से किसी तरह का नकारात्मक असर नजर आए तो आयुर्वेदाचार्य से सम्पर्क करना चाहिए।
(साभार – लाइव हिन्दुस्तान)