कोलकाता : भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज ने ऑनलाइन इवेंट “सीवी कैसे बनाएं और ऑनलाइन साक्षात्कार की तैयारी कैसे करें” विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया। दो दिन तक जूम पर चलने वाली इस कार्यशाला में प्रथम दिन 370 और दूसरे दिन 281 विद्यार्थियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए डीन प्रो दिलीप शाह ने कोरोना काल में हो रहे ऑनलाइन साक्षात्कार को साक्षात्कारकर्ता के लिए भी चुनौती बताई क्योंकि इसमें वर्चुअल दृष्टि से चुनाव करना होता है जो मुश्किल होता है। सामने रहने पर उम्मीदवार के हावभाव और काम करने की उत्सुकता को महसूस किया जा सकता है। वर्तमान युग की मांग होने की वजह से इस प्रकार के वर्कशॉप का आयोजन किया गया।
प्रथम दिन प्रो. मोहित साव ने सीवी बनाने की प्रक्रिया पर विस्तार से अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि साधारण रूप से हम लोगों की धारणा है कि सीवी में डिग्री और प्रतिशत देखकर ही हमें कोई कंपनी या कॉर्पोरेट नौकरी दे देगी। वर्तमान में इस धारणा में बदलाव आया है। डिग्री के साथ-साथ स्मार्ट विद्यार्थी, कम्युनिकेशन क्षमता, व्यक्तित्व और तकनीकी कुशलता पर कंपनियां अधिक ध्यान दे रही हैं। भवानीपुर कॉलेज में बहुत ही प्रसिद्ध कंपनियां जैसे टीसीएस, इन्डिगो, जिंदल ग्रुप, स्पाइसजेट, ओबराय ग्रैंड आदि प्लेसमेंट के लिए आती हैं। विद्यार्थियों को इन्टरव्यू देने के लिए तैयार किया जाता है। सीवी में दो प्रकार की योग्यता एक प्रोफेशनल और दूसरी एकेडमी योग्यता लिखी जाती है। प्रो. मोहित साव ने स्क्रीन शेयर कर सीवी बनाने के लिए व्यक्तिगत सभी जानकारियां सही देने का सुझाव दिया और कहा कि वे जिस कंपनी के इंटरव्यू की तैयारी करें उसके विषय में पूरी जानकारी रखें।
दूसरे दिन प्रो ऊर्वी शुक्ला ने विद्यार्थियों को ऑनलाइन इंटरव्यू के दौरान अपने व्यवहार को किस प्रकार रखें इस विषय पर अपने बहुमूल्य सुझाव दिए। विद्यार्थी को प्रोफेशनल रूप से लेबटॉप पर अपना इंटरव्यू देते समय तकनीकी रूप से चुस्त रखना , प्रश्नों को ठीक से सुनना,वेशभूषा, शारिरिक और मानसिक रूप से पूर्ण रूप से ध्यान देना और चेहरे पर मुस्कान रखना आदि बहुत सी बातों का ध्यान रखना चाहिए। जो कंपनी साक्षात्कार ले रही है उसका का शोधपरक अध्ययन करें। अपने व्यवहार में नम्रता रखें। ऐसे बहुत से बिंदुओं पर स्क्रीन शेयर कर प्रो ऊर्वी ने प्रकाश डाला।दोनों ही दिनों विद्यार्थियों ने प्रश्नोत्तर सेशन में अपनी जिज्ञासाओं का निराकरण भी किया। प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी ने धन्यवाद दिया। प्रो दिव्या ऊडीसी, श्रद्धा अग्रवाल की उपस्थिति रही। तकनीकी सहयोग गौरव किल्ला और संयोजन जलक शाह और कशिश बर्मन का रहा। कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।