डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में भारत ने रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बनाए हैं। डिजिटल पेमेंट पर हमारी निर्भरता बढ़ी है, एक तरह से यह हमारे ट्रांजैक्शनल हैबिट्स का एक हिस्सा बन चुका है लेकिन डिजिटल पेमेंट के साथ अगर सावधानी न बरती जाए तो ठगी की गुंजाइश बहुत दूर की बात नहीं. ऑनलाइन पेमेंट करते हुए फ्रॉड होने का डर बना रहता है। खासकर फ्रॉडस्टर्स ऐसे यूजर्स की तलाश में रहते हैं, जिसको बेवकूफ बनाकर वो पैसे ऐंठ सकें। डिजिटल पेमेंट के वक्त अगर आप ये चार बातें याद रखते हैं तो आपको अपने डेटा सुरक्षा की फिक्र नहीं करनी पड़ेगी।
1. अपना यूपीआई पिन किसी के साथ शेयर न करें
सबसे पहली बात अपना यूपीआई पिन किसी के भी साथ शेयर न करें। आपका यूपीआई पिन भी आपके एटीएम पिन जैसा ही होता है। यूपीआई बेस्ड पेमेंट ऐप्स पर पिन डालकर ही आप किसी ट्रांजैक्शन को ऑथराइज़ करते हैं। पिन को सेफ रखना आपकी पहली जिम्मेदारी है।
2. किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें
फ्रॉडस्टर्स अकसर लिंक भेजकर आपको क्लिक करने का झांसा देते हैं और फिर आपके डिवाइस में एंट्री पा जाते हैं। इससे उनके पास आपकी सारी डिटेल्स आ जाती हैं। ऐसे में कभी भी किसी भी लिंक पर अच्छी तरह से देखने-समझने के बाद ही क्लिक करें। किसी भी नंबर या ईमेल एड्रेस से आए लिंक पर क्लिक करने से बचें। वॉट्सऐप के जरिए भी यह खेल होता है, ऐसे मामलों में हमेशा सतर्क रहें।
3. किसे पैसे भेज रहे हैं, वो ब्योरा जाँच लें
यूपीआई पेमेंट की शुरुआत में ऐसा कई बार देखा गया था कि यूपीआई ऐप में रिसीवर की आईडी गलत है, या आपको बेवकूफ बनाकर आपको पैसे भेजने के बजाय आपसे पैसे सेंड करवा लिए गए। इसलिए जब भी आप कोई पेमेंट करने जाएं तो जहां अमाउंट डालने का बॉक्स आता है। उसके ऊपर ही दायीं ओर दिखता है कि ये पैसा किसे भेजा जा रहा है. इस एड्रेस को हमेशा चेक कर लें.
4. अपने डिवाइस की सिक्योरिटी अपडेटेड रखें
अपने डिवाइस की सिक्योरिटी को हमेशा अपडेट करके रखें। इसके साथ ही अपने डिवाइस को लॉक करके भी रखें। ऐसा पहले होता था कि हमारे फोन में हमारी ऐसी कोई सेंसिटिव डिटेल नहीं हुआ करती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब बैंकिंग, हेल्थ, फाइनेंस, से लेकर जरूरी डॉक्यूमेंट्स तक हम इस डिवाइस में रख सकते हैं. ऐसे में इसका प्रोटेक्शन भी इसी हिसाब से होना चाहिए।
आप एक काम यह भी कर सकते हैं कि आप अपने हर ऐप को लॉक करके रखें। इससे अगर आपका फोन अनलॉक रह भी जाता है तो भी हर ऐप को लॉक रखना समझदारी भरा कदम साबित होगा।