सही तरह से ब्रश करने का मतलब सिर्फ सही टूथपेस्ट या ब्रश करने का तरीका नहीं, बल्कि इसमें समय-समय पर टूथब्रश बदलना भी शामिल है। अक्सर लोगों के टूथब्रश के ब्रिसल बुरी तरह से फैल कर खराब हो जाते हैं, फिर भी लोग उसे फेंकते नहीं हैं। नया टूथब्रश न लेने के आलस में या पैसे बचाने के चक्कर में वे उसी पुराने ब्रश को इस्तेमाल करते रहते हैं, जो बिल्कुल सरासर गलत है। जरूरत से ज्यादा ब्रश का इस्तेमाल करने से ब्रश करने का असली मकसद खत्म हो जाता है।ब्रश करने का मकसद है दांतों और ओरल कैविटी की सफाई, जिससे कैविटी और अन्य बीमारियों से बचाव किया जा सके। हालांकि, ज्यादा समय तक एक ही ब्रश का इस्तेमाल करने से उसमें बैक्टीरिया पनपने लगते हैं और सफाई करने की उनकी क्षमता खत्म हो जाती है, जिससे ब्रश साफ करने से ज्यादा ओरल कैविटी को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
टूथब्रश हैबिट को मैनेज करना बहुत जरूरी है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) और इंडियन डेंटल एसोसिएशन (आईडीए) के अनुसार हर 3 से 4 महीने में टूथब्रश बदल लेना चाहिए। इसके अलावा कुछ और मामलों में भी टूथब्रश बदलना जरूरी हो जाता है, जिनमें निम्न शामिल हैं-
अगर टूथब्रश के ब्रिसल फैल गए हैं या फिर टेढ़े हो गए हैं, तो इन्हें बदल लें।
अगर ब्रश के कुछ ब्रिसल टूट गए हैं, तो टूथब्रश बदलें। टेढ़े-मेढ़े और फैले हुए ब्रिसल दांतों को साफ करने में सक्षम नहीं होते हैं।
अगर बहुत तेजी से ब्रश करते हैं, तो टूथब्रश को हर दूसरे महीने ही बदलना सही होता है। हालांकि, तेज और जोर से ब्रश करना ठीक नहीं होता है और अक्सर बच्चे ही तेजी से ब्रश करते हैं, जिसका ख्याल पेरेंट्स को रखना चाहिए।
अगर आप गंभीर रूप से बीमार हैं, तो इस दौरान आपने जिस ब्रश का इस्तेमाल किया है, उसे बदल देना ही उचित है। क्योंकि बीमारी के दौरान बैक्टीरिया और माइक्रोब्स की मात्रा बढ़ जाती है, जो आपके ब्रश में ट्रांसफर हो जाती है।
अगर आप इलेक्ट्रिक टूथब्रश का इस्तेमाल करते हैं, तो अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन (एडीए) के अनुसार इसके हेड को भी हर 3 महीने पर बदल लेना चाहिए। साथ ही इलेक्ट्रिक टूथब्रश को हर 3 से 5 साल में बदल देना चाहिए। कई इलेक्ट्रिक टूथब्रश के ब्रश हेड में कलर इंडिकेटर भी होते हैं, जो कि ब्रश हेड बदलने का संकेत देते हैं।
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