किशोरों पर कोरोना के प्रभाव को दर्शाती है फिल्म
दादा साहब फाल्के फिल्म फेस्टिवल के स्कूल सेक्शन वर्ग में पुरस्कृत
कोलकाता । हेरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कोलकाता से सिविल इंजीनियरिंग के 2020 बैच के छात्र की शॉर्ट फिल्म पुरस्कृत हुई है। संस्थान के बी.टेक स्नातक अग्निश चटर्जी द्वारा संपादित 22 मिनट की फिल्म को 12वें दादा साहेब फाल्के फिल्म फेस्टिवल 2022 में सर्वश्रेष्ठ फिल्म (स्कूल सेक्शन) घोषित किया गया। पुरस्कार समारोह गत 30 अप्रैल को नोएडा, दिल्ली एनसीआर में हुआ। फिल्म का निर्देशन गोखले मेमोरियल गर्ल्स स्कूल, कोलकाता की बारहवीं कक्षा की ह्यूमैनिटीज की छात्रा युबासन कपस ने किया था।
‘एईटुकू’ की प्रमुख भूमिकाएं प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय, कोलकाता की अंग्रेजी द्वितीय वर्ष की छात्रा नीलांजना घोष और महादेवी बिड़ला विश्व अकादमी, कोलकाता की बारहवीं कक्षा की ह्यूमैनिटीज की छात्रा ऐश्वर्या महलानोबिस ने निभाई हैं। संगीत गोखले मेमोरियल गर्ल्स स्कूल की ग्यारहवीं कक्षा की छात्रा श्रीपूर्णा मजूमदार, प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के द्वितीय वर्ष के छात्र शुभायन दे; अभिनव भारती हाई स्कूल के बारहवीं कक्षा के ह्यूमैनिटीज छात्र सोहम समद्दर; और युबासन द्वारा तैयार किया गया था।
लघु फिल्म मानसिक असंतुलन से निपटने का समाधान खुद से प्रेम करने में खोजती है। यह हमें परिवर्तनों और कमजोरियों को स्वीकार करने की सीख देती है। फिल्म का प्रमुख पक्ष यह है कि यह दिखाता है कि लॉकडाउन के दौरान किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य पर कैसे प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। फिल्म अकेलेपन जैसे विषयों पर भी जोर देती है और माता-पिता का संघर्ष बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है। हेरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के सिविल इंजीनियरिंग स्नातक अग्निश चटर्जी ने कहा, “पूरे संपादन कार्य को कम समय में पूरा करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था।”