बीसीसीआई ने की घोषणा
मुम्बई । भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारत और नीदरलैंड के बीच मुकाबले के टॉस के दौरान ही एक बड़ा ऐलान किया है। बोर्ड ने टीम इंडिया में लैंगिक असमानता को खत्म करते हुए दोनों ही श्रेणियों में मैच फीस बराबर कर दिया है। यानी रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम इंडिया और महिला टीम के प्लेयर्स को तीनों ही फॉर्मेट में बराबर मैच फीस मिलेगी। इसका ऐलान बोर्ड के सचिव जय शाह ने ट्विटर पर किया। उन्होंने ऐतिहासिक फैसले के बारे में लिखा- महिला कैटगिरी को उनके पुरूष टीम के समान मैच फीस का भुगतान किया जाएगा। टेस्ट (15 लाख), वनडे (6 लाख), टी-20 इंटरनेशनल (3 लाख) मिलेगा। वेतन इक्विटी हमारी महिला क्रिकेटरों के लिए मेरी प्रतिबद्धता थी और मैं एपेक्स काउंसिल को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं। जय हिंद। इसके साथ ही भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने वल्र्ड क्रिकेट टीम को बड़ा मेसेज दिया है। वह महिला और पुरूष क्रिकेटरों को बराबर मैच फीस देने वाला दूसरा बोर्ड बन गया है। इससे पहले न्यूजीलैंड ने इसी वर्ष जुलाई में यह ऐतिहासिक फैसला किया था। उसके बाद उम्मीद थी कि दुनियाभर के क्रिकेट बोर्ड भी इसे अपनाएंगे।
जानिए क्या फर्क पड़ेगा
फिलहाल सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में शामिल महिला खिलाडिय़ों को टेस्ट मैच के लिए 4 लाख रुपये मिलते हैं। वहीं, वनडे और टी-20 दोनों की मैच फीस एक लाख रुपये है। नए फीस स्ट्रक्चर के हिसाब से अब टेस्ट मैच की फीस 15 लाख रुपये होगी। वहीं, वनडे के लिए 6 लाख और टी-20 के लिए 3 लाख रुपये मैच फीस दी जाएगी।
लेकिन, एक जगह अब भी गैर बराबरी जारी
बीसीसीआई ने भले ही मैच फीस बराबर करने का ऐलान कर दिया हो, लेकिन एक गैर बराबरी अब भी जारी है। दरअसल, एनुअल सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट (हर साल किए जाने वाला करार) में कोई बदलाव नहीं किया गया है। एनुअल कॉन्ट्रैक्ट में अब भी महिला क्रिकेटर्स की 3 कैटेगरी ही हैं। दूसरी तरफ, पुरूष क्रिकेटरों की 4 कैटेगरी हैं। इससे भी ज्यादा हैरानी की बात है कि ए ग्रेड महिला क्रिकेटर्स को जो अमाउंट मिलता है वह सी ग्रेड पुरूष क्रिकेटरों से भी कम है। दरअसल, महिलाओं में ए ग्रेड खिलाडिय़ों को 50 लाख रुपये सालाना मिलते हैं। दूसरी तरफ, पुरूषों के सी ग्रेड में शामिल खिलाडिय़ों को एक करोड़ रूपए मिलते हैं। आसान भाषा में कहें तो ग्रेड ऊंचा होने के बावजूद महिलाओं को पुरूष क्रिकेटर्स की तुलना में आधा ही पैसा मिलता है। महिलाओं में बी ग्रेड के खिलाडिय़ों को 30 लाख और सी ग्रेड के खिलाडिय़ों को 10 लाख रुपये मिलते हैं। पुरूषों की चार कैटेगरी में सबसे ऊपर ए+ ग्रेड है। इसमें शामिल खिलाडिय़ों को 7 करोड़ मिलते हैं। ए ग्रेड के खिलाडिय़ों को 5 करोड़, बी ग्रेड के खिलाडिय़ों को 3 करोड़ और सी ग्रेड के खिलाडिय़ों को एक करोड़ रुपये मिलते हैं।