सुमात्रा में हुई खोज, मिलीं प्रतिमाएँ एवं बहुमूल्य खजाना
जकार्ता : सदियों से दक्षिण पूर्वी एशिया का देश इंडोनेशिया भारतीय संस्कृति का विस्तार माना जाता रहा है। यहां के सुमात्रा द्वीप में सातवीं से 13 वीं शताब्दी तक श्रीविजय राजवंश का शासन रहा। पेलंगबांग को इस राजवंश का स्वर्ण द्वीप कहा जाता था। भारतीय चोल राजाओं ने यहां हमला कर बहुमूल्य खजाने को लूटा और श्रीविजय राजवंश के राजाओं को बंधक बना लिया। वापसी में ये खजाना गायब हो गया। खतरनाक मगरमच्छों से भरी पेलंगबांग की मुसी नदी में लोग इसकी खोज में लगे रहे। अब लगभग 700 साल बाद मछुआरों ने इस बहुमूल्य खजाने को खोज निकाला है। समुद्री खाेजकर्ता डॉ. शॉन किंगस्ले के अनुसार ये सुमात्रा के गायब स्वर्ण द्वीप की खोज है।
श्रीविजय राजवंश का था समुद्रों पर राज
इतिहासकारों के अनुसार सुमात्रा का श्रीविजय राजवंश 13 वीं शताब्दी तक दक्षिणपूर्वी एशिया के द्वीपों पर शासन था। समुद्री शक्ति होने के कारण इसका फैलाव भारत के पूर्वी तटाें और दक्षिण चीन महासागर था। यहां पूर्व में मिले भारतीय और चीनी सिक्के इस बात का प्रमाण है। अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्राें में श्रीविजय राजवंश का एकछत्र राज था। यहां बौद्ध और हिंदू धर्म की प्रतिमाएं भी मिली हैंं। बाद में ये राजवंश जावा के मलायु तक सिमट गया।