कोलकाता । उत्तराखंड के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा है कि पंजीकरण के फर्जीवाड़े से बचने के लिए तीर्थयात्री केवल आधिकारिक वेबसाइट पर ही चारधाम यात्रा का रजिस्ट्रेशन कराएं। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए अभी अक्टूबर तक का समय है। ऐसे में यात्रा के दौरान अव्यवस्थाओं से बचने के लिए तीर्थयात्री किसी भी प्रकार की जल्दबाजी न करें। साथ ही उन्होंने पत्रकारों को बताया कि यात्री किसी भी अवैध स्रोत के माध्यम से न तो रजिस्ट्रेशन करें और ना ही हेली टिकट की बुकिंग! केवल आधिकारिक वेबसाइट से अथवा काउंटर से ही अपना पंजीकरण या टिकट बुकिंग करें।
उन्होंने बताया कि संज्ञान में आया है कि कुछ लोग पंजीकरण पीडीएफ को फोटोशॉप या एडिट करते हुए उस पर तस्वीर और अन्य जानकारियां बदलकर प्रशासन को धोखा देने का प्रयास कर रहे हैं परंतु क्यूआर कोड स्कैन करते ही ऐसे लोगों का पर्दाफाश हो जाता है। और ऐसे यात्रियों को आगे की यात्रा करने से रोक दिया जाता है। अतः यात्रियों को बार -बार जी आए हिदायत दी जा रही है कि वह आधिकारिक वेबसाइट अथवा काउंटर से ही अपना पंजीकरण करना सुनिश्चित करें और इसके लिए किसी भी प्रकार का भुगतान ना करें। यह पूर्णतः है निःशुल्क सेवा है। और किसी प्रकार की धोखाधड़ी करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में उत्तराखंड पुलिस तथा साइबर पुलिस द्वारा भी अपने स्तर से कार्यवाही आरंभ कर दी गई है।
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि तीर्थयात्री अपनी यात्रा की योजना बेहतर बनाकर अपनी यात्रा को यादगार बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि बेहतर सड़कों और वाहनों की उपलब्धता से यात्रा की कुल समय अवधि कम हुई है। पहले अधिकांश यात्रा सरकारी वाहनों के माध्यम से की जाती थी और यात्रा में करीब नौ दिन का समय लगता था। इससे तीर्थ धामों में श्रद्धालुओं की भीड़ नहीं लगती थी। लेकिन अब बेहतर सड़क होने से तीर्थयात्री अपने निजी वाहनों से भी यात्रा कर रहे हैं और धामों तक पहुंचने में कम समय लग रहा। मौसम पूर्वानुमान की व्यवस्था भी पहले के मुकाबले बेहतर हुई है। कारण है कि मात्र 26 दिन में चार धामों में करीब 11 लाख 45 हजार तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। दिलीप जावलकर ने जोर देकर कहा कि चारधाम यात्रा अमरनाथ यात्रा की तरह सिर्फ एक महीने की यात्रा नहीं है, बल्कि छह से सात महीने के लिए यह यात्रा चलती है। ऐसे में किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए तीर्थयात्री यात्रा के लिए कोई जल्दबाजी न करें। उन्होंने कहा कि सरकार चारधाम यात्रा को सुव्यवस्थित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
बीमार व्यक्ति अपने चिकित्सक का परामर्श पर्चा एवं चिकित्सक का संपर्क नम्बर एवं चिकित्सक द्वारा लिखी गयी दवाईयां अपने साथ रखें। अति वृद्ध एवं बीमार व्यक्तियों एवं पूर्व में कोविड से ग्रसित व्यक्तियों के लिए यात्रा पर न जाना या कुछ समय के लिए स्थगित करना उचित होगा। उन्होंने जलवायु अनु कुलिकरण का महत्व बताते हुए कहां की चारों धाम अत्यधिक ऊंचाई पर स्थित होने के कारण वहां पर जाने के पूर्व यात्री पड़ाव पर ठहर कर धीरे-धीरे यात्रा करें और देव दर्शन के साथ -साथ प्रकृति के सौंदर्य का भी दर्शन करें। इससे शरीर ठंडी जलवायु एवं बदलती भौगोलिक परिस्थितियों के अनुकूल हो जाता है और इन सुझावों का पालन कर किसी प्रकार की आकस्मिक और अप्रिय घटना से बचा जा सकता है। चारधाम यात्रा पर आने वाले नौजवानों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि वे पहले बुजुर्ग एवं महिलाओं को दर्शन करने का मौका दे।
पहली बार पर्यटन विभाग की ओर से तीर्थयात्रियों के पंजीकरण की व्यवस्था की गई है। विभाग की ओर से तीर्थयात्रियों का ऑनलाइन माध्यम से पंजीकरण कराया जा रहा है। तीर्थयात्री मोबाइल एप के जरिए भी ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। 26 दिन पूर्व आरंभ हुई यात्रा में अब तक लगभग 12 लाख लोग चार धाम दर्शन कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि कुछ दिनों पहले यह देखा गया था कि कुछ तीर्थयात्री ऑफलाइन माध्यम से एडवांस स्लॉट की बुकिंग करा उसी दिन दर्शन के लिए रवाना हो जा रहे हैं ऐसे में धामों में क्षमता से अधिक भीड़ होने से तीर्थयात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा करने वाले तीर्थयात्रियों की पुलिस जांच कर उन्हें बुकिंग तिथि के दिन ही यात्रा करने की सलाह दे रही है। जबकि जो तीर्थयात्री होटल और हेली सेवा की एडवांस बुकिंग कर चुके हैं, चेक पोस्ट पर उनके दस्तावेजों की जांच कर उन्हें आगे भेजा जा रहा है।