कोलकाता । श्री बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय द्वारा आचार्य विष्णुकांत शास्त्री की स्मृति में किस्सागोई शैली में ‘गंगा – गाथा’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। रथीन्द्र मंच सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उद्योगपति पद्मश्री प्रह्लाद राय अग्रवाल उपस्थित थे। अध्यक्षीय वक्तव्य में कलकत्ता विश्वविद्यालय की हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. राजश्री शुक्ला ने अपने गुरु आचार्य विष्णुकांत शास्त्री को ‘संस्कृति पुरुष’ बताते हुए साहित्य, संस्कृति एवं अध्यात्म के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान का स्मरण किया। ‘गंगा – गाथा’ की सराहना करते हुए उन्होंने उम्मीद जतायी कि युवा पीढ़ी इससे अपनी संस्कृति का सम्मान करने की प्रेरणा पायेगी। स्वागत भाषण में श्री बड़ाबाजार कुमार सभा पुस्तकालय के अध्यक्ष डॉ. प्रेमशंकर त्रिपाठी ने कहा कि आचार्य शास्त्री सबके हितकारी थे। ‘गंगा – गाथा’ के आयोजन की उन्होने सराहना की। समारोह में प्रख्यात कलाकार डॉ. हिमांशु वाजपेयी, डॉ. प्रज्ञा शर्मा (लखनऊ) तथा वेदान्त भारद्वाज (चेन्नई) ने अपनी संगीतमय प्रस्तुति से देवनदी की महत्ता का वर्णन साहित्यिक एवं पारम्परिक संस्कृत की रचनाओं को आधार बनाकर किया। गंगा की महिमा के साथ प्रदूषण और मानवीय अतिशय महत्वाकांक्षा के कारण होने वाली दुर्दशा को चित्रित करते हुए इस प्रस्तुति में जागरुकता लाने का प्रयास भी किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सत्यनारायण तिवाड़ी की श्रीराम वंदना से हुई। कार्यक्रम का संचालन प्रो. कमल कुमार ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन पुस्तकालय के मंत्री महावीर बजाज ने दिया। कार्यक्रम में भागीरथ चांडक, दुर्गा व्यास, सागरमल गुप्त, आचार्य राकेश पांडेय एवं डॉ. सत्या उपाध्याय ने अतिथियों को सम्मानित किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में मनोज काकड़ा, रामचन्द्र अग्रवाल, शैलेश बागड़ी एवं श्रीमोहन तिवारी समेत कई अन्य लोगों का योगदान रहा।