2 किमी पैदल चलकर श्मशान घाट ले गयी
यह खबर ऐसी है जो एकबार हमें झकझोरती है, सोचने पर मजबूर करती है और साथ ही एक उम्मीद भी भरती है। सोचने पर आप तब मजबूर होते हैं जब आपको यह पता लगेगा कि एक लाश 2 दिन से लावारिस पड़ी है और कोई सामने नहीं आता। फिर गर्व होगा यह जानकर कि एक महिला एस आई ने हिम्मत दिखायी और मानवता को शर्मसार होने से बचा लिया। आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में एक जगह है कोशी बग्गा। यहाँ के एक गाँव में 2 दिन तक एक लावारिस शव खेत में पड़ा रहा। सभी उसे उठाने से कतराते रहे। यहां के पुलिस स्टेशन में तैनात एस आई के. सिरीशा को इसकी खबर मिली तो वे तुरंत मौके पर पहुंची। सिरीशा ने गांव वालों से मदद मांगी, लेकिन वे तैयार नहीं हुए। इसके बाद उन्होंने शव को कंधा देने के लिए एक आदमी बुलाया। कोई और नहीं मिला तो खुद ही यह जिम्मेदारी ले ली। दोनों 2 किलोमीटर पैदल चलकर लाश को श्मशान घाट तक ले गए। उसका अंतिम संस्कार भी सिरीशा ने खुद ही किया। आंध्र प्रदेश पुलिस ने अपने सोशल मीडिया पेज पर सिरीशा का वीडियो शेयर किया है। इसमें वह खेतों की मेड़ पर चलकर लाश को श्मशान घाट तक ले जाते दिख रही हैं। सिरीशा ने बताया कि यह लाश को 80 साल के एक भिखारी की थी। गांव का रास्ता कच्चा था। इसलिए वहां तक वाहन नहीं जा सकता था। मैंने गाँव वालों से मदद माँगी। कोई इसके लिए तैयार नहीं हुआ तो मैं खुद ही ललिता ट्रस्ट के एक सदस्य की मदद से लाश को श्मशान घाट तक ले गयी। सिरीशा ने बताया कि मैंने लोगों की सेवा करने के लिए यह नौकरी चुनी है। जिस तरह लोग जिंदा रहते हुए सम्मान के हकदार हैं, उसी तरह मरने के बाद भी उन्हें सम्मान मिलना चाहिए। शव को श्मशान घाट तक पहुंचाकर मैंने अपना फर्ज निभाया है। सिरीशा 12 साल के बच्चे की मां हैं। उनके पिता का सपना था कि वह पुलिस सेवा में जायें । वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया यूजर उनकी खूब तारीफ कर रहे हैं। एक यूजर ने कहा कि बहादुरी इसे ही कहा जाता है। डीजीपी गौतम स्वांग ने भी सिरीशा की तारीफ की है।