नयी दिल्ली : अमेजन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों को सरकार ने थोड़ी राहत देते हुए निर्माता देश यानी कंट्री ऑफ ओरिजिन को बताने के लिए समय सीमा 1 अगस्त तय कर दी है। ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने हर उत्पाद पर कंट्री ऑफ ओरिजिन यानी उत्पाद कहाँ बना है, इसका जिक्र करना जरूरी है। हालांकि ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं को समय सीमा सम्भव नहीं लगती है। ई-कॉमर्स कम्पनियां इसके लिए कम से कम 3 महीने का वक्त मांग रही हैं। नए नियमों के तहत पोर्टल पर मौजूद सभी प्रोडक्ट पर कंट्री ऑफ ओरिजिन जरूरी है। नई लिस्टिंग पर कंट्री ऑफ ओरिजिन नियम पहले से लागू है।
दो सप्ताह पहले मामले पर डिपॉर्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) ने बुधवार को दूसरी बैठक की, जिसमें 30 ई-कॉमर्स कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। डीपीआईआईटी के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि सरकार 1 अगस्त तक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर नई लिस्टिंग के लिए ‘कंट्री ऑफ ओरिजिन’ उपलब्ध करा रही है और सितंबर के अंत तक पुरानी लिस्टिंग के लिए यह उपलब्ध हो जाएगा।
मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत मिशन को बढ़ाने के मकसद से सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है। सरकारी ई-मार्केटप्लेस के नए फीचर लागू होने से पहले जिन सेलर्स ने अपने उत्पाद अपलोड किए हुए हैं, उनको भी कंट्री ऑफ ओरिजिन अपडेट करना होगा। सरकार उन्हें लगातार रिमाइंडर भेजेगी और इसके बाद भी प्रोडक्ट पर जानकारी अपडेट नहीं करने पर प्रोडक्ट को प्लेटफॉर्म से हटा दिया जाएगा। दरअसल दिक्कत यहीं से शुरू होती है। बैठक में कंपनियों के प्रतनिधियों ने कहा कि बदलाव पहले नए उत्पाद लिस्टिंग के लिए किए जाएं क्योंकि उनके प्लेटफार्मों पर पहले से ही बेच रहे लाखों उत्पादों के लिए ऐसा करना मुश्किल है।
सूत्रों के मुताबिक अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी कंपनियों ने प्रस्ताव को निष्पादित करने के लिए तीन महीने की समयसीमा का अनुरोध किया। अमेज़ॅन ने कहा कि उसके लाखों विक्रेता हैं, और हर उत्पाद के लिए ‘मूल देश’ का उल्लेख करने के लिए उन्हें आश्वस्त करना मुश्किल होगा। इसके लिए तीन महीने की समय मिलना चाहिए। फ्लिपकार्ट ने भी कहा कि इसे विक्रेताओं को प्रशिक्षित करने और अपने तकनीकी मंच को फिर से संगठित करने की आवश्यकता है।