आर्टिलरी रेजिमेंट्स में तैनाती की तैयारी कर रही सेना
नयी दिल्ली । वे राफेल जैसा फाइटर जेट उड़ाती हैं, युद्धपोतों का जिम्मा संभालती हैं। जल्द ही आप महिलाओं को बोफोर्स होवित्जर, के-9 वज्र जैसी तोपें चलाते देखेंगे। भारतीय सेना एक अहम बदलाव की तैयारी में है। महिला अधिकारियों को सेना में परमानेंट कमिशन पहले ही मिल चुका है। अब उन्हें आर्टिलरी रेजिमेंट में शामिल करने की तैयारी है। 12 लाख सैनिकों वाली भारतीय सेना में आर्टिलरी की भूमिका ‘कॉम्बेट सपोर्ट आर्म’ की है। फिर भी चीन और पाकिस्तान से लगती सीमाओं पर आर्टिलरी यूनिट्स तैनात हैं। एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के अनुसार, यह कवायद सेना को जितना हो सके, जेंडर न्यूट्रल बनाने की दिशा में है। हालांकि, अभी महिला अधिकारियों को इन्फैंट्री की ‘कॉम्बेट आर्म्स’, आर्मर्ड रेड कॉर्प्स (टैंक) और मेकेनाइज्ड इन्फैंट्री में रखने की योजना नहीं है। इसी तरह, नौसेना ने भी अभी पनडुब्बियों से महिलाओं को दूर रखा है।
भारतीय सेना में 280 से ज्यादा आर्टिलरी रेजिमेंट्स हैं। इनके पास 105 एमएम फील्ड गन्स, बोफोर्स होवित्जर, धनुष, सारंग से लेकर नई एम-777 अल्ट्रा-लाइट होवित्जर और K-9 वज्र जैसी सेल्फ-प्रोपेल्ड गन्स का जिम्मा है। स्वदेशी पिनाका मल्टी-लॉन्च रॉकेट सिस्टम और रूसी स्मर्च एंड ग्रैड यूनिट्स भी आर्टिलरी का हिस्सा हैं।
सेना में अभी खासी कम है महिलाओं की भागीदारी
आर्म्ड फोर्सेज में महिला अधिकारियों की भर्ती 1990s से होती आई है। इसके बावजूद, तीनों सेनाओं के कुल 65,000 अधिकरियों में महिलाओं की संख्या 3,900 से थोड़ी ही ज्यादा है। सेना में 1,710 महिला अधिकारी हैं तो वायुसेना में 1,650 और नौसेना में 600 महिला ऑफिसर्स हैं। इसके अलावा, मिलिट्री मेडिकल स्ट्रीम में करीब 1,670 महिला डॉक्टर्स, 190 डेंटिस्ट्स और 4,750 नर्सेज हैं। बहुत वक्त तक अड़ंगा रहा, अब हर बंधन तोड़ रहीं महिलाएं
लंबे वक्त तक सैन्य नेतृत्व बड़े पैमानें पर महिलाओं की भर्ती का विरोध करता रहा। उन्हें ‘ऑपरेशन, प्रैक्टिकल या कल्चरल प्रॉब्लम्स’ के आधार पर कॉम्बेट रोल असाइन करने या परमानेंट कमिशन देने में आनाकानी हुई। लेकिन महिलाओं ने हार नहीं मानी। अक्सर सुप्रीम कोर्ट की मदद मिली, अब वे एक-एक करके रुकावटें दूर कर रही हैं। उदाहरण के लिए, पिछले साल अगस्त से खड़कवासला स्थित नैशनल डिफेंस एकेडमी में 19 महिला कैडेट्स (आर्मी से 10, आईएएफ से 6 और नेवी की 3) तीन साल का कोर्स कर रही हैं।