वॉशिंगटन. यूएस की कॉफी चेन कंपनी स्टारबक्स ने अपने रेस्टोरेंट में बचे खाने को नहीं फेंकने का एलान किया है। कंपनी के मुताबिक, इस खाने को अब जरूरतमंदों के बीच बांटा जाएगा। कंपनी ने कहा है कि स्टारबक्स अब अमेरिका के नेशनल प्रोग्राम ‘फीडिंग अमेरिका’ से जुड़ रही है, जो गरीबों को खाना खिलाने का काम करती है।
स्टारबक्स ने कहा है कि वह अगले पांच साल में अपने सभी 7,600 रेस्टोरेंट से बचा हुआ खाना गरीबों के लिए दान करेगी।
कंपनी के मुताबिक, उसके रेस्टोरेंट में हर दिन सैंडविच, सलाद समेत कई चीजें बच जाती थीं।
पहले साल में स्टारबक्स भोजन बांटने की मुहिम ‘फूड शेयर’ के जरिए करीब 50 लाख खाने के पैकेट हेल्दी फूड की कमी से जूझ रहे लेागों को मुहैया कराएगी।
स्टारबक्स की ओर से पांच साल तक इस स्कीम को चलाए जाने का फैसला लिया गया है।
2021 तक कंपनी 5 करोड़ गरीबों को खाना मुहैया कराएगी।
स्टारबक्स से पहले ब्रिटेन की कंपनी टेस्को ने भी इसी तरह की योजना शुरू की है।
चार दिन पहले न्यूयॉर्क के अमीरों ने गरीबी दूर करने के लिए ज्यादा टैक्स देने की पेशकश की थी।
शेयर होल्डर्स और बाकी वर्कर्स भी सहमत
स्टारबक्स के मुताबिक, उसके शेयर होल्डर्स के अलावा ज्यादातर वर्कर्स की भी यही राय थी कि बचा हुआ खाना जरूरतमंदों तक पहुंचना ही चाहिए।
सालों की मेहनत के बाद उन्होंने हाईजीन व लजीज खाना बनाने में जो कामयाबी हासिल की है, वह बेकार न जाए।
बचा हुआ खाना जिन लोगों तक पहुंचेगा, उन्हें सैंडविच, सलाद या रेफ्रिजेरेटेड खाने पर स्टारबक्स का लेबल भी लगा हुआ मिलेगा।
स्टारबक्स अपनी तरह की अन्य कंपनियों को भी मुहिम से जोड़ने के लिए प्रेरित कर रही है।
क्या है ‘फीडिंग अमेरिका‘?
‘फीडिंग अमेरिका’ नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन है, जो 1979 से इस दिशा में काम कर रहा है।
अमेरिका में यह 200 से ज्यादा फूड बैंक और पैन्ट्रीज के साथ जुड़ा है।
इसे वैन हेंजल नामक एक रिटायर्ड कारोबारी ने शुरू किया था। उन्होंने सूप किचन के जरिए भूखे लोगों की मदद शुरू की थी।
– इसी दौरान एक दिन ग्रॉसरी स्टोर के बाहर कचरे के ढेर से भोजन तलाश रही बुजुर्ग महिला ने उन्हें सलाह दी कि बैंक की तर्ज पर होटल, रेस्टोरेंट के लिए भी बचा हुआ भोजन रखने की व्यवस्था होनी चाहिए। इसी सलाह पर यह स्कीम आगे बढ़ी।